मनुष्य जीवन हमें सत भक्ति करने के लिए ही मिला है – संत रामपाल जी महाराज*

कमल सिंह लोधा
दैनिक समाज जागरण

टोंक- बीते रविवार 30 अप्रेल को संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने गणेश नगर, अन्नपूर्णा डूंगरी सोरण रोड़ मकान नंबर 60 जिला टोंक (राजस्थान) में विशाल सत्संग समागम का आयोजन हुआ जिसमें सेकड़ो श्रद्धालुओं ने संत रामपाल महाराज जी के सत्संग प्रवचन LED के माध्यम से सुने व सत्संग से जाना कि मानव जीवन का मूल उद्देश्य सत्य भक्ति करके मोक्ष पाना ही है।

संत रामपाल जी महाराज ने सत्संग में बताया कि मनुष्य जीवन दुर्लभ है मिले ना बारंबार तरुवर से पत्ता टूट गिरे बहुर ना लगता डार एक बार यदि मनुष्य जीवन छूट जाता है तो उसके बाद मनुष्य जीवन दो बार नहीं मिलता और मनुष्य जीवन हमें सत भक्ति करने के लिए ही मिला है | कबीर साहेब कहते है कुंए पे शेक फरीद ने केसी मिठ्ठी बोली भाषा | तुम चुन चुन कागा खा लिओ मेरे हाडा पर का मासा || मेरे दो नेना मत छेडियो मोहे राम मिलन की आसा | जिन्हे करी तपस्या घोर थी वो हुए आसरे हर के वो हुए आसरे हर के अर्थात शेक फरीद जी ने 12 वर्ष कुँए मे उलटा लटक के तप किया ताकि उन्हे अल्लाह का दीदार हो जाए । 12 साल के बाद भी जब परमात्मा प्राप्ति नही हुई । ना खाना खाते थे ना पानी पीते थे बैराग हो गया था ।
कमजोर हो गए एक दिन थक कर कुएं से बाहर लेटे थे तब कोवे उनको मृत समझ कर उनकी आखं निकालने के लिए माथे पर बेठ गए ।उन्होने कहा कि भाई कोवों अगर मेरी हड्डीयों मे कहीं मास है तो खा लो पर मेरी आखें छोड दो

सत्संग में उपस्थित संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने मात्र से और आजीवन उसकी मर्यादा का पालन करने से बहुत से लोगों के कैंसर एड्स लाइलाज जैसी भयंकर बीमारियां भी ठीक हो गई है और आज वह परिवार सकुशल अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं