मोदी ने चार माह में तीन बार पहुंचे और दो बार लिया रामलला का आशीर्वाद
राजेश तिवारी
अयोध्या।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रभु हम भी शरणागत हैं… का भाव लिए हैट्रिक लगाने के लिए एक बार फिर प्रभु श्रीरामलला के समक्ष नतमस्तक हुए। तीसरे चरण के चुनाव के 48 घंटे पहले रामलला का आशीर्वाद लेकर उन्होंने भव्य रोड शो किया। इसी के साथ प्रदेश की 10 सीटों व बाकी चरणों में होने वाले चुनाव की दिशा भी यहीं से तय कर दी है।
करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा राम मंदिर का मुद्दा दशकों तक देश की सियासत की धुरी रहा है। सुप्रीम कोर्ट से इसके निर्माण का फैसला आने के बाद से ही भाजपा ने इसे 2024 के लोकसभा चुनाव का ज्वलंत मुद्दा बनाना शुरू कर दिया। श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन के साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से इस चुनाव की नींव भी रखनी शुरू कर दी थी। पांच अगस्त, 2020 को हुए भूमिपूजन के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार होते रहे अयोध्या दौरे से इस मुद्दे की गर्माहट बनी रही। 22 जनवरी को रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ मंदिर का उद्घाटन करके ही उन्होंने 2024 के चुनाव की पिच लगभग तैयार कर ली थी। इधर, लोकसभा चुनाव की सरगर्मी पूरे देश में लगातार बढ़ रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अवध में अपनी पैठ बढ़ाते हुए संदेश देने के लिए रायबरेली से नामांकन कर दिया है। पहले दो चरण में चुनाव भी हो चुके हैं, जिनसे विपक्ष उत्साहित दिख रहा है। सात मई को तीसरे चरण में 12 राज्यों की 95 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इनमें उत्तर प्रदेश की भी 10 सीटें हैं, जिनमें कई सीटों पर कांटे की टक्कर देखी जा रही है। इनमें कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।
ऐसे में इस चुनाव के ठीक पहले रामलला की शरण में पहुंचकर प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से राम मंदिर मुद्दे में और गर्माहट ला दी है। दो किलोमीटर तक रोड शो करके उन्होंने शेष चरण के चुनावों के लिए भी संदेश देने की कोशिश की है।
वहीं, बीते चार माह में उनके तीन बार अयोध्या आगमन व दो बार रामलला का दर्शन करना सभी की जुबान पर चर्चा का विषय है। इसके राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं।