समाज जागरण संवाददाता विवेक देशमुख
मल्हार। इस भीषण गर्मी में मल्हार नगर में पानी की समस्या गंभीर हो जाती जा रही है। आम लोगों को पीने के पानी के लिए दर दर भटकना पड़ रहा। पानी की समस्या 2019 के नगर पंचायत चुनाव के बाद ज्यादा बढ़ी है इसके लिए वर्तमान अध्यक्ष अनिल कुमार कैवर्त को दोषी माना जा रहा है क्योंकि वे किसी भी गम्भीर समस्या को बहुत ही हल्के में लेते है इसी का परिणाम है कि आज नगरवासी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे है। वहीं वार्डवासी पानी की समस्या को लेकर नगर पंचायत, प्रशासन व जनप्रतिनिधि को आवेदन देकर इसके निराकरण की मांग कई बार कर चुके हैं। उसके बाद भी नगर प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधि पानी की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है, जिससे नगरवासियों में काफी नाराजगी है।
नगर पंचायत मल्हार के नगरवासियों को इस समय भीषण गर्मी के साथ-साथ पानी की गंभीर संकट से जूझना पड़ा रहा है। एक बाल्टी पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। यह समस्या नगर पंचायत अध्यक्ष के तानाशाही शासन से ज्यादा बढ़ी है। ग्राम पंचायत शासन काल में कम राशि आवंटन के बाद भी नल-जल आपूर्ति सुचारू था। जब से नगर पंचायत बनी है पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। नगर पंचायत प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रही। वर्तमान में बोर के माध्यम से सीधे नगर में पानी आपूर्ति की जा रही है, लेकिन लोगों के घरों तक नहीं पहुंच रहा। एक-दो दिन के अंतराल में पानी की आपूर्ति की जा रही है। लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। नगर में ऐसे भी वार्ड है जहां एक भी हैंडपंप नहीं है, वे नल-जल आपूर्ति पर आश्रित हैं।
वार्ड नंबर 13,14’15 में नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा रिजेक्ट बोर को मैन पाईप लाईन में जोड दिया गया है जो पीने लायक नही है जिस बोर की पानी को जानवर भी नहीं पिते ईतना गंदा खारा पानी को मैन पाईप लाईन में जोडकर लोगों को सप्लाई किया जा रहा है।
अध्यक्ष अनिल कुमार कैवर्त के मनमानी के कारण वार्ड क्रमांक 13,14,15 के लोगों के स्वास्थ्य पर असर होना शुरू हो गया है,इस पानी को मजबुरी मे पीना पड़ रहा है इस कारण इन वार्डों के लोगों के गले में खरास,सर्दी खांसी की समस्या बढ रही है। आने वाले समय में इस तरह के नगर अध्यक्ष के लापरवाही के कारण लोगों को गंभीर बिमारियों का सामना करना पड सकता है। इस तीनो वार्ड में विपक्ष के पार्षद चुन कर आए है इसलिए सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधि खासकर अध्यक्ष भाई भतीजावाद चला रहे है चेहरे देख कर नए बोर कराए जा रहे है।
अध्यक्ष और स्थानीय प्रतिनिधि वार्ड के साथ पक्षपात करने लगे हैं। गिने-चुने वार्डों में पानी टैंकर भेजकर अपना कर्तव्य पूरा कर लेते हैं। वहीं पंचायत प्रशासन जल स्तर नीचे चले जाने की बात कर अपना पल्ला झाड़ रहे है ऐसे में आगामी दिनों में उग्र आंदोलन भी हो सकता है जिसके लिए यहां के सत्तासीन जनप्रतिनिधि जिम्मेदार होंगे। वहीं पंचायत के नल-जल कर्मी व अधिकारियों के दुर्व्यवहार व हठधर्मिता ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।