नोएडा: जिलाधिकारी सुहास एलवाई बने नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अस्थायी बाॅस।

गौतमबुद्धनगर के तीनो प्राधिकरण के बाॅस बदल गया है। नोएडा ग्रेटर नोएडा का कार्यभार जिलाधिकारी सुहास एलवाई को सौपा गया है वही यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण का कार्यभार वहाँ के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोनिका रानी को सौंपा गया है। यहा कार्यभार स्थायी है या अस्थायी इसके बारे में अभी सबकुछ साफ नही है। क्योंकि नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीओ ऋतु महेश्वरी और यमुना अथाॅरिटी के सीओ अरुणवीर सिंह ‘यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स सबमिट’ का प्रचार प्रसार करने विदेश जा रहे है। यह दोनो प्रमुख अफसर 18 दिसंबर तक विदेश दौरे पर रहेंगे। इस दौरान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथाॅरिटी के जिम्मेदारी जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर सुहास एलवाई और मोनिका रानी अपर कार्यपालक अधिकारी देखेंगे।

दोनो अफसर को लाना है 60-60 हजार करोड़ के निवेश

बताते चले कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ नें प्रदेश को 2027 तक ‘वन ट्रिलियन युएस डालर के इकोनामी’ बनाना चाहते है। यही कारण है कि सरकार दिन रात काम कर रही है। अगले साल के फरवरी माह में 10 से 12 फरवरी को लखनऊ में ‘यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स सबमिट’ का आयोजन किया जायेगा। इस सबमिट के जरिये यूपी सरकार नें 10 लाख करोड़ का निवेश प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना अथाॅरिटी को 1.20 लाख करोड़ का निवेश लाने का लक्ष्य मिला है। इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सीओ ऋतु महेश्वरी और अरुणवीर सिंह विदेश दौरे पर निकलें है। प्रतिनिधीमंडल 18 दिसंबर तक जापान कोरिया, सिंगापुर समेत कई देशों का दौरा करेगा।

इस बीच में नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के काम काज को जिलाधिकारी जिला गौतमबुद्धनगर और अपर मुख्य कार्यपालक संभालेंगे। इस कार्यकाल को आगे भी बढ़ाया जायेगा या फिर इतने ही दिनों के लिए रखा जायेगा यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा लेकिन जिलाधिकारी सुहास एलवाई के सीओ प्राधिकरण बनने पर लोगों नें खुशी जाहिर की है। हालांकि कुछ दिनों से प्राधिकरण और जिलाधिकारी के बीच घर खरीदार के मुद्दे को लेकर खुब खीचातानी भी हुई है। रजिस्ट्री को लेकर जहाँ एक तरफ जिलाधिकारी एक्शन मोड में दिखे वही प्राधिकरण के द्वारा पूराने तरीके को अपनाकर रजिस्ट्री रोकने की कोशिश की गयी। हालांकि यह भी देखा गया है कि शासन प्रशासन और प्राधिकरण के खीचातानी के बीच में सरकार और घर खरीदार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है वही बिल्डरो ने बहार आए ।