नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संसदीय पैनल को बताया कि यदि पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जाता है या देश में आतंकवादी घटनाएं होती हैं तो भारत ऑपरेशन सिंदूर फिर से शुरू करेगा। पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा शत्रुता रोकने के अनुरोध के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ।
विदेश मामलों की सलाहकार समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने यह भी कहा कि वार्ता द्विपक्षीय थी और “दोनों के बीच अमेरिकी मध्यस्थता का कोई सवाल ही नहीं उठता”, सूत्रों ने बताया।

कांग्रेस और राहुल गांधी जयशंकर पर निशाना साधते हुए आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने आतंकी शिविरों पर भारतीय हमलों के बारे में पाकिस्तान को पहले ही सूचित कर दिया था।
कांग्रेस द्वारा की गई आलोचना का जिक्र करते हुए जयशंकर ने सांसदों से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ नेता उनके बयान को “गलत तरीके से उद्धृत” करके राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने इस दावे को भी सिरे से खारिज कर दिया कि उन्होंने पाकिस्तानी पक्ष से बात की है।
सूत्रों ने बताया कि मंत्री ने बैठक में सांसदों को बताया कि केवल देशों के डीजीएमओ ने ही एक-दूसरे से बात की तथा किसी अन्य भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तानी पक्ष से बात नहीं की। मंत्री ने सांसदों को यह भी बताया कि पाकिस्तान ने भारत द्वारा की जा रही कार्रवाई को रोकने के लिए अमेरिका से मदद मांगी है तथा अमेरिकी पक्ष को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पाकिस्तान को सीधे भारत से बात करनी चाहिए।