समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ बिहार विधानसभा के बजट सत्र का आज सोमवार को दूसरा दिन है। सदन की कार्यवाही चल रही है। प्रश्नोत्तर काल चल रहा है, जहां मंत्री विधायकों के सवाल का जवाब दे रहे हैं। आज वित्त मंत्री सम्राट चौधरी लंच ब्रेक के बाद बजट पेश करेंगे। इधर सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले माले के विधायकों ने आरक्षण को लेकर परिसर में प्रदर्शन किया। पोर्टिको में विपक्ष के विधायक हंगामा कर रहे हैं। बजट प्रस्तुत होने से महागठबंधन के विधायकों ने सदन के द्वार पर जमकर हंगामा किया। हाथा में पोस्टर बैनर लेकर विपक्षी सदन के गेट पर हंगामा कर रहे हैं। राजद विधायकों का कहना है कि यह एनडीए सरकार का अंतिम बजट है। राजद विधायक रणविजय साहू ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं की मांग है कि विधवा पेंशन की रकम बढ़ा कर 1500 रुपए की जाए। रणविजय ने कहा कि अगर सरकार विधवा, विकलांग के पेंशन में बढ़ोत्तरी नहीं करती तो सत्ता छोड़ देना चाहिए। राजद के विधायक ने दावा किया कि इसके बाद अगले वर्ष से तेजस्वी यादव बजट प्रस्तुत करेंगे। विपक्षियों का कहना है कि एनडीए ने 20 वर्षों तक शासन किया है, अब यह अंतिम बजट है। इसके बाद अगले वर्ष से तेजस्वी यादव बजट प्रस्तुत करेंगे। बिहार में वर्तमान में सरकार का कोई अस्तित्व नहीं है, अराजकता का माहौल व्याप्त है। बिहार में व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ है। महागठबंधन के नेताओं ने बजट पेश होने से पहले प्रदर्शन करते हुए कहा कि विपक्षी दल जनहित के सभी मुद्दों को मजबूती और एकता के साथ उठाएंगे और बिहार में अराजकता को नहीं बढ़ने देंगे। सूत्रों के मुताबिक, चुनावी साल में बजट में नीतीश सरकार का फोकस महिलाओं, किसानों और युवाओं पर होगा। आधी आबादी यानी करीब 6 करोड़ महिलाओं से जुड़े ऐलान संभव हैं। हालांकि, पेट्रोल-डीजल के सस्ता होने की उम्मीद नहीं है। सरकार उस पर जारी वैट को कम करने के मूड में नहीं है। अभी सरकार बिहार में पेट्रोल-डीजल के जीएसटी के दायरे में नहीं आता। सरकार इस पर वैट वसूलती है। पेट्रोल और डीजल के बेस प्राइस पर 48 फीसदी वैट लगता है। जबकि, एक्साइज ड्यूटी 35 फीसदी, सेल्स टैक्स 15 फीसदी और कस्टम ड्यूटी 2 फीसदी लगाई जाती है। बजट में करीब 6 लाख सरकारी नौकरी का प्रावधान किया जाएगा। सबसे बड़ी बहाली सिपाही और टीचरों की होगी। सरकार का दावा है कि चुनाव से पहले 3 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी। बाकी की 3 लाख नौकरियां सरकार बनने के बाद दी जाएगी। सरकार के फोकस में रूरल डेवलपमेंट अब प्रायोरिटी में है। गांवों की पुरानी स्कीम्स के साथ ही नई स्कीम्स के लिए भी सरकार फंड देने की तैयारी में है।