उ.प्र.उद्योग व्यापार मंडल का हाउस टैक्स विरोध में ज्ञापन।
ब्यूरो चीफ़/ दैनिक समाज जागरण
सोनभद्र। ओबरा उत्तर प्रदेश में ऊर्जा राजधानी के रूप में विख्यात है। जनपद का ओबरा क्षेत्र, जो प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नगर पंचायत का दर्जा रखता है, तहसील मुख्यालय है, इन दिनों बदहाल सड़कें, उन पर बिखरे पत्थर और गिट्टी-भस्सी के साथ-साथ जानलेवा प्रदूषण की गंभीर समस्या से त्रस्त है। बग्घानाला से शारदा मंदिर तक का मार्ग यहाँ के पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों और मोटरसाइकिल सवारों के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। चोपन जाने वाली बाजार की रोड अस्तव्यस्त खराब है।ओबरा या चोपन की ओर आने-जाने वाले हर व्यक्ति को सड़क के बीचो-बीच और किनारों पर बिखरे पत्थरों, गिट्टी और भस्सी (बारीक धूल) से बचकर चलना पड़ता है। स्थानीय निवासियों का कटु अनुभव है कि पत्थर से बचो तो गिट्टी से जूझो, और गिट्टी से बचो तो भस्सी पर चले जाओ। इन बिखरे हुए निर्माण सामग्री के कारण दुर्घटनाओं का खतरा चौबीसों घंटे मंडराता रहता है। सड़क पर उड़ने वाली धूल और प्रदूषण की स्थिति इतनी विकराल है, कि आने-जाने वाले लोगों के शरीर पर सफेद पाउडर की परत जम जाती है। जिससे वे ‘भूत’ जैसे दिखने लगते हैं।वाहन जब सड़कों के किनारे बिखरी भस्सी से होकर गुजरते हैं, तो इतनी धूल उड़ती है कि पीछे चल रहे मोटरसाइकिल या साइकिल सवारों को धूल के अंबार के अलावा सड़क तक दिखाई नहीं देती। जब सड़क ही न दिखे तो उस पर पड़े बोल्डर या गिट्टी कैसे दिखे इस गंभीर घटना के बावजूद, शासन-प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है। ज्ञातव्य है,कि ओबरा नगर पंचायत में 18 वार्ड हैं, जिसमें 12 वार्ड प्रोजेक्ट कॉलोनी में हैं, विकास का तीन चौथाई हिस्सा कालोनी में प्रोजेक्ट प्रबंधन के विरोध के वावजूद खर्च दिखाया जाता है, नगर पंचायत सिर्फ 6 प्राइवेट वार्डों पर मनमाना हाउस टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है। उधोग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष मिथिलेश अग्रहरी के नेतृत्व में नगर वासियों ने नगर पंचायत के मनमाना टैक्स वसूली के विरोध में उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सुरेश सिंह, अभय सिंह, शुभम त्रिपाठी, अभिषेक अग्रवाल, शौकत अली, गौरव जैन, अभिषेक जायसवाल, मनोज कन्नौजिया तथा भारी संख्या में व्यापारी, नगरवासी मौजूद रहे।