निरंकुश:- सफ़ाई कर्मियों का गुंडाराज सफाई कार्य के बहाने नपा को कर रहे ब्लैकमेल – कार्यवाही आवश्यक



बदनाम करने नही छोड़ रहे कोताही साजिश का शिकार हो रही नगर की सफाई व्यवस्था

मनमानी तरीका से कर रहे काम बहाना ढूंढ करते अनशन,गरीबी बता समर्थन लेकर नपा को कर रहे मजबूर

अनूपपुर/ नगर पालिका परिषद अनूपपुर के द्वारा  स्वक्षता अभियान के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी अतिरिक्त सफाई का कार्य नगर के वार्ड क्रमांक 5 में कराया जा रहा था जिस पर नपा के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बताए गए कार्य को  न करते हुए कुछ सफ़ाई कर्मियों ने नगर पालिका को बदनाम किये जाने की नियत से वार्ड के अतरी में पहुंच कर सूखे कचरे को हटाने के बजाय गीले कचरे को रखकर फोटो खिंचवाने एवं साजिश के साथ जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बताए गए कार्य को न करते हुए बदनाम किये जाने का काम किया गया जबकि अतिरिक्त सफाई अभियान के तहत केवल सूखे कचरे को हटाने का काम किया जाता है।
    प्राप्त जानकारी के मुताबिक नपा द्वारा प्रत्येक वर्ष के बीच मे लगभग नगर के सभी वार्डों में 3 से 4 बार अतिरिक्त सफाई का कार्य कराया जाता है  लेकिन नपा में कार्य कर रहे सफ़ाई कर्मियों के मनमानीपन की वजह से कार्य मे गुणवत्ता देखने को नही मिल पाती

    ज्ञातव्य है कि नपा अनूपपुर में कार्य कर रहे सफ़ाई कर्मी पूरी तरह से निरंकुश देखने को मिल रहे इनके द्वारा काम कम बल्कि नेतागिरी ज्यादा देखने को मिल रही कई बार देखा गया कि ये अपने प्रभारियों से भी जबरदस्त तरह से उलझन पैदा कर बिना काम किये ही वेतन को लेकर ब्लैक मेल करते देखे जा रहे है।
इतना ही नही वार्ड प्रभारियों द्वारा इन्हें काम बताने के बाद काम पर न जाने या काम न करने के स्थिति में बोलने पर तरह तरह की धमकियां दी जाती है।
    देखा गया कि यह कोई नई बात नही है सफाई कर्मियों के द्वारा जबरजस्ती का दवाब बनाकर वेतन के बहाने काम बंद कर आमजन को परेशान किया जाना आदत में रहा है,मनमर्जी करना ,काम न करना ,ब्लैक मेल करना, गऱीबी व सफाई काम का बहाना बताकर आमजन में समर्थन जुटाकर अपने अधिकारियों को ब्लैकमेल करने इन कर्मचारियों के आदत में है ।

    होता क्या है कि जब इन कर्मियों द्वारा अपनी बात को लेकर जबरजस्ती दवाब बनाए जाने का काम किया जाता रहा और जिम्मेदार या प्रभारी द्वारा मना करने की स्थिति में ये कर्मचारी कुछ न कुछ बहाना बताकर अनशन कर सड़कों पर उतरते रहे हैं। और अपनी मजबूरी व गरीबी बताकर पालिका को बदनाम करने में कमी नही करते यंहा तक कि वास्तविकता को न समझ पाने के स्थिति में अन्य समाजसेवी दलो भी समर्थन में उतर जाते रहे जबकि सत्यता यह है कि ये काम नाम मात्र का करते है वेतन पूरा लेते है।

बताया जा रहा कि सफाई संरक्षकों को 2 माह का वेतन एक साथ न मिलने पर नगर पालिका को बदनाम करने की कोशिश की गई जबकि इसी निकाय से इनको प्रत्येक माह वेतन दी जाती, दिनांक 3.1.2025 को तत्कालीन सीएमओ आईएएस महिपाल सिंह गुर्जर के द्वारा दूसरे माह का वेतन 10 ,12 दिन के अंदर देने को कहा गया किंतु सफाई संरक्षक अपनी बात पर अडिग है। लोगो की माने तो नगर की स्वक्षता व सुंदरता को

लेकर यंहा पदस्थ सफाई कर्मी पूरी तरह से रोडा बन रहे है अगर समय रहते इन उदासीन कर्मचारियों पर जिला प्रशासन,नगरीय प्रशासन, सहित नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा समय रहते कार्रवाई नही की गई या ,या की यथार्थ की जानकारी लिए बिना समाजसेवी संगठन के लोगों द्वारा ऐसे ही समर्थन दिया जाता रहेगा तो नगर के सफ़ाई अभियान में ग्रहण बना ही रहेगा।

Leave a Reply