क्या अधिकारियों के द्वारा चुप्पी साध लेना , किसी बड़े भ्रष्ट्राचार और मिलीभगत के तरफ इशारा कर रहा ? सरकारी समर्थन मूल्य पर धान कर खरीद नही के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है ? क्या लूट में सबकी भागीदारी है

आखिर बिहार राज्य कै औरंगाबाद जिले का कुटूम्बा प्रखंड़ में धान अधिप्राप्ति केंद्र द्वारा किसानों एवं बटाईदारों से समर्थन मूल्य ₹2040 से ₹2060 प्रति क्विंटल की दर से धान क्यों नहीं खरीदा जा रहा है और बेटी व बेटा के शादी में सस्ते दरों पर धान बेचने के लिए किसान व बटाईदार विवश व लाचार क्यों है ? क्या इसका प्रतिउत्तर संबंधित अधिकारियों द्वारा समाज जागरण दैनिक समाचार पत्र को प्राप्त होना संभव हैं। उपरोक्त संबंध में जिला पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद का का मंतव्य प्राप्त नहीं हुआ है इससे स्पष्ट है कि जिले के वरीय पदाधिकारियों के संरक्षण में कुटुंबा प्रखंड के किसान एवं बटाईदार लूटे जा रहे हैं और आलाधिकारी तमाशबीन है! चाहे वजह जो भी हो।