सावन माह विशेष

सावन माह में शिव जी विराजमान रहते है रामेश्वर महादेव में
काशी पंचकोशी परिक्रमा यात्रा का तीसरा पड़ाव रामेश्वर महादेव मंदिर रामेश्वर वरूणा तट में स्थित है। जहाँ ब्रह्म हत्या से मुक्ति पाने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामजी एक रात्रि प्रवास किया।इस तीर्थ की ख्याति व महात्म्य वर्ष पर्यंत यहां श्रद्धालुओ को खींच लाता है। सावन में भक्तों का रेला इस धाम में उमड़ता है।कांवर यात्री रामेश्वर महादेव का जल-दूध से अभिषेक करते हैं। प्राचीन लोटा-भंटा मेला यहां का प्रमुख स्नान पर्व व मेला है। इतिहास।- पौराणिक मान्यता है कि प्रभु श्री राम ने रावण वध के बाद प्रायश्चित के लिए देवाधिदेव की नगरी काशी की परिक्रमा की। रात्रि प्रवास और संध्या तर्पण के लिए एक मुठ्ठी रेत से शिवलिंग स्थापित किया। लगभग 400 वर्ष पूर्व सिंधिया राज परिवार ने इस स्थान पर मन्दिर व घाट का निर्माण कराया। जनश्रुतियों के अनुसार अगहन मास की षष्ठी तिथि को एक निराश दम्पत्ति ने वरूणा स्नान कर भगवान शिव की आराधना की,इससे पुत्र प्राप्ति हुई। परिसर में ही तुलजा भवानी व राधा-कृष्ण का मन्दिर है। यहाँ गंगा दशहरा, कार्तिक पूर्णिमा, डाला छठ, नवरात्र मेला ,अधिक मास मेला ,भवानी तुलजा-दुर्गा श्रृंगार ,रंगभरी एकादशी व वरूणा महोत्सव का पर्व धूमधाम से प्रति वर्ष मनाया जाता है। तैयारी– मन्दिर परिसर की रंगाई-पुताई और साज सज्जा आकर्षक रूप से की गई है। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से पुलिस बल व बैरियर,पुराने पुल पर बैरिकेटिंग,वरूणा घाट पर रस्सा, ट्यूब,नाव सहित जल पुलिस की तैनाती की गई है। अग्नि शमन दल व गोताखोर के साथ ही सफाई कर्मी दल की मुस्तैदी है। सावन के दौरान पूरे महीने मन्दिर प्रबंधन की ओर से आने वाले कांवरियों व शिवभक्तों की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।नव निर्मित टीएफसी भवन में कांवर दल निःशुल्क विश्राम की सुविधा है। साथ ही दर्शन पूजन के दौरान किसी भी भक्त को असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए भी विशेष पुलिस बल की तैनाती है। पूरे मन्दिर परिसर को आकर्षक लुक देकर सुविधा सम्पन्न बनाया गया है। नए पक्के घाट व साइनेज तथा सोलर लाइट व हाई मास्ट लगाकर प्रकाश की उत्तम व्यवस्था की गई है।

पुजारी आचार्य प0 अन्नू तिवारी रामेश्वर महादेव मंदिर- सावन में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन,पुलिस बल, ग्राम पंचायत व खुद मन्दिर के स्वयं सेवक सुरक्षा व्यवस्था देखते हैं। श्रद्धालुओ व कांवरियों के विश्राम की व्यवस्था मन्दिर प्रांगण धर्मशालाओं में की जाती है। इस बार जिला प्रशासन पंचकोशी मार्ग पर खुले मांस के दुकानों को बंद कराए और रात्रि में पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था कराई जाय। साथ ही सबसे जरूरी वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था हो।

*पंडित शीतला प्रसाद त्रिपाठी भक्त बरेमा भारी भीड़ की आशंका और देश मे चल रहे आतंकवाद के वारदात को देखते हुए सुरक्षा की पैनी व्यवस्था की जरूरत होगी। मन्दिर व वरूणा घाट पर प्रकाश ,साफ-सफाई के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। शुद्ध शाकाहार आहार की उपलब्धता आवश्यक है।सड़क के किनारे प्रकाश की व्यवस्था होने के साथ साथ पेयजल के लिए नवनिर्मित हर घर नल जल स्कीम से तत्काल प्रभाव से जल आपूर्ति की व्यवस्था हो।