प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा में चल रहे ‘उडान’ बाल संस्कार शिविर का दूसरा दिन

मोबाइल के अधिक प्रयोग व दुरूपयोग से बुद्धि और शरीर दोनो कमजोर होती है: भूषण वर्मा

ज्ञान की बातों को जीवन में उतारने से जीवन बनता है मूल्यवान – ब्रह्माकुमारी नीता

समाज जागरण ब्यूरो चीफ विवेक देशमुख

बिलासपुर। प्रभु-दर्शन भवन टिकरापारा में ‘उडान’ बाल संस्कार शिविर के दूसरे दिन राकेश भाई द्वारा आसन प्राणायाम का अभ्यास कराया गया। संतुलन, एकाग्रता व कद बढ़ाने के लिए ध्रुव आसन, वृक्षासन व ताड़ासन का अभ्यास सिखाया गया।

नीता बहन ने एक कहानी सुनाई कि एक जैसी दिखने वाली तीन गुडियो की कीमत अलग-अलग थी। सबसे सस्ती वो गुडिया थी जिसके एक कान मे तार डालने पर दुसरे कान से निकल गई। उससे कीमती वह गुडिया थी जिसके एक कान मे तार डालने पर मुंह से निकल गई। सबसे कीमती वह गुडिया थी जिसके एक कान मे तार डालने पर पेट मे समा गई। शिक्षा मिली कि ज्ञान को समाने से ही मूल्यवान बनते है।

विद्युत उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष भूषण वर्मा ने मोबाइल के दुरूपयोग के दुष्परिणाम बताए व कहा कि मोबाइल हमारे व्यर्थ विचारों की गति को बढ़ा देता है और शरीर को आलसी बना देता है।
उन्होंने सबके सामने कुछ बच्चों से प्रैक्टिकल प्रयोग कराते हुए यह बतलाया कि कैसे मोबाइल पकड़ने से शरीर की शक्ति कम हो जाती है। पढाई मे रूचि और लक्ष्य हमेशा याद रहे तो मोबाइल टीवी के लिए समय ही नही रहेगा।

आगे आपने कहा कि ज्ञान के सागर परमात्मा को याद करने से बुद्धि तेज होती है मैंने स्वयं राजयोग के अभ्यास से अनुभव किया है। उन्होंने बच्चों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।

पूर्णिमा बहन ने आज आत्मा के घर का परमधाम का परिचय देते हुए ओमशान्ति का अर्थ बताया कि मैं आत्मा शांत स्वरूप हूँ, शान्तिधाम मेरा घर है और शान्ति के सागर परमात्मा की संतान हूँ। आत्मा के अंदर सात गुण होते हैं – सुख, शान्ति, आनन्द, प्रेम, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति।

आपसी सामंजस्य से कार्य को गति मिलती है इसके लिए गौरी बहन ने बच्चों को हूला हूप का खेल खिलाया। उन्होंने झूम – झूम हर कली, बाग -बाग कह चली… और हम शिवबाबा के लाल हैं गीत पर एक्शन सांग का अभ्यास कराया।

संस्कार शिविर में दी जा रही शिक्षाओं का बच्चों को होमवर्क भी दें रहे हैं कि घर से निकलते समय व घर पहुंचने पर माता पिता के पैर अवश्य छुएं। रात्रि में सोने से पूर्व मेडिटेशन में भगवान को गुडनाइट करके सोना और प्रातः उठते भी गुडमॉर्निंग मेडिटेशन करना व स्नान करके ही शिविर में जाना।

कुछ बच्चों ने सीखी हुई बातों को revise भी किया।