समाज जागरण डेस्क नोएडा
देश के सबसे बड़े टैक्सपेयर के इस हालत के लिए जिम्मेदार कौन है? जिसके बदौलत देश तथा राज्यों के 10 प्रतिशत इकोनामी है। आखिर उसके प्रति सरकार इतना उदासीन क्यों है। योगी सरकार के 1 ट्रिलियन के बजट मे इन शराबियों के लिए ढेला भर की भी बजट की व्यवस्था नही की गई है। जबकि पिछले पाँच सालों में उत्तर प्रदेश शराब बिक्री के मामले मे सबसे अव्वल नंबर पर पहुँचा है। पिछले पाँच सालों में योगी सरकार के शराब से प्राप्त राजस्व मे 74 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। योगी सरकार अपने कार्यकाल मे 2 हजार से ज्यादा ठेके खुलवाए है लेकिन इनके बैठने के लिए कोई व्यवस्था नही किया गया है। यहाँ तक कि इतने बड़े टैक्सपेयर के लिए उधारी तक की कोई व्यवस्था नही है। यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा कि यह लोग उस वर्ग से आते है जिनका अपने बच्चों से ज्यादा ध्यान सरकार के खजाने भरने पर रहता है। भले ही घर मे इनका परिवार भूखा सो जाय लेकिन घर से गहने तक उठा लाते है जिससे की सरकार के खजाने मे कुछ पैसे पहुँचे और सरकार सुगमता से चले।

आपको याद होगा कि कोरोना के समय मे सरकार के द्वारा सबसे पहले शऱाब के ठेके खोले गए । सरकार को शायद पता था कि उनका सबसे बड़ा टैक्सपेयर वर्ग बेसब्री से ठेका खुलने का इंतजार कर रहे होंगे। सरकार ने भी इस तरफ पूरा ध्यान दिया। भले ही सब्जी मंडी बंद रहा हो लेकिन शराब के ठेके पहले खोले गए वह भी पुलिस के सुरक्षा मे। पहली बार सरकार ने पुलिस के सुरक्षा मे शराब के ठेके खुले और इस वर्ग मे जमकर खरीदारी की।
आपको बताते चले कि इस वर्ग के द्वारा सरकार को 10 प्रतिशत के आर्थिक मदद के बावजूद इनका शोषण किया जाता है। इनके लिए बैठने की कोई व्यवस्था नही है तो यह लोग नाली किनारे, कुड़े घर के पास या ऐसे जगह पर बैठ जाते है जहाँ ज्यादा लोगों का आना जाना नही होता। कई लोग तो शाम को पीते है तो कुछ सुबह से ही शुरु हो जाते है। इनके कारण सिर्फ सरकार का नही बल्कि पुलिस वालों के जेब भी भरते है। इसके बावजूद समाज इनको सम्मान के नजर से देखना पसंद नही करता है। आज जब सब कुछ के लिए क्रेडिट कार्ड है इस जमाने मे भी इनको नकद की व्यवस्था करना पड़ता है। सबसे बड़ी बात इनके लिए कोई संगठन भी आवाज उठा को तैयार नही है।
यह विडियो ग्रेटर नोएडा विसरख थाना के अन्तर्गत चेरी काउण्टी क्षेत्र के बताये जा रहे है। विडियों को जारी करते हुए शिकायत की गई है कि इन पर कार्यवाही हो। लाजमी है कि पुलिस विभाग इस कार्यवाही भी करे। लेकिन सवाल उठता है कि जब ठेके सार्वजनिक स्थल पर खुले हुए है तो लोग पीयेंगे कहाँ। ठेके के आस-पास कही न कही तो पीने की व्यवस्था तो होनी चाहिए।