सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाएंगी और महीने के पगार का करेगें इंतेजार*!

*पुलिसिया अनुसंधान में चल रही है लीपापोती तो मृतक कृष्ण कुमार के माता-पिता साक्ष्य लेकर कर रहे हैं न्याय का इंतजार*

संवाददाता गजेन्द्र कुमार जिला गया बिहार


*वही गया में खाकी वर्दी अनुसंधानकर्ता अधिकारी की लापरवाही और दैनिक पुलिस गस्ती में कमी के कारण से गया शहर में सुशासन व्यवस्था का पोल खोल कर रख दी है*

*आपकी सेवा में खाकी वर्दी है तत्पर,*

*लेकिन ना ही आपकी जान बचा सकती और ना ही न्याय दिला सकती*

*सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाएंगी और महीने के पगार का करेगें इंतेजार*!

घटना बीते फरवरी माह का है जहां जी०डी० गोयनका में अपराधी शिक्षक सुबेंदु कुमार के द्वारा कृष्ण कुमार को बेरहमी से पिटाई करने से मौत हो गई थी वहीं घटना के बाद गुड्डू बर्नवाल के द्वारा शहर में कई तरह से विरोध प्रदर्शन किया गया जिसके बाद सल्फास जहर खाने से बच्चे की हुई मौत का जिक्र, सिलसिला चार माह चलता रहा लेकिन जब वेसरा रिपोर्ट कोलकाता फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री से आई तो ऐसी किसी भी तरह की बात डॉक्टर पुष्टि नहीं की ,बच्चे की मृत्यु सल्फास खाने से हुई है पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही सच्चाई का मिला संकेत और उस रिपोर्ट के आधार पे अनुसंधान अधिकारी ए०एस०पी लाइन एंड ऑर्डर के भारत सोनी द्वारा बेसरा को कोलकाता फॉरेंसिक रिपोर्ट भेजा गया और जांच रिपोर्ट आने तक के क्रम शिक्षक सुवेंदु को बचाने के लिए कई हथकंडे वा राजनीतिक खेल भी चलता रहा लेकिन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी दायर किया गया, लेकिन जिला एवम् सत्र न्यायाधीश ने उसे खारिज कर दिया लेकिन एडिशनल एसपी मनीष कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने अपने बयान में बताया कि हम मेडिकल फॉरेंसिक साइंस के डॉक्टरों का ओपिनियन लेने के बाद ही अपराधी को गिरफ्तार करेंगे, बिना साक्ष्य के आधार पर मैं किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकताहूं तो वहीं समाजसेवी रवि कुमार उर्फ गुड्डू बर्नवाल गया की सुशासन पे तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने बयान में बताया की जितना भी गया सेन्ट्रल जेल में कैदी बन्द है क्या? सभी साक्ष्य के आधार पे बन्द है