सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने भाजपा के सुरेश अवस्थी को 8629 वोटो से हराया ,भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को मिले 61037
- 1996 में आखिरी बार सीसा मऊ में जीती थी भाजपा ,इसके बाद से समाजवादी पार्टी की ही हो रही जीत
सुनील बाजपेई
कानपुर। इस बार के उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी रही यहां के सीसामऊ सीट पर समाजवादी पार्टी ने अपना झंडा फिर गाढ़ दिया है। यहां आज शनिवार को ही मतगणना में समाजवादी पार्टी की नसीम सोलंकी ने भारतीय जनता पार्टी के सुरेश अवस्थी को 8629 वोटो से हरा दिया। सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी को 69666 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को 61037 वोट मिले हैं। बसपा प्रत्याशी बीरेंद्र शुक्ला ने 1409 वोट हासिल किए हैं। संपन्न कराए गए उप चुनाव में सीसामऊ में 49.06% मतदान हुआ था, जो पिछले 12 साल में सबसे कम रहा।
वहीं इस जीत को लेकर समाजवादी पार्टी के लोगों में भारी उत्साह और भारतीय जनता पार्टी के लोगों में निराशा भी देखी गई।
सपा की जीत के बाद पार्टी कार्यालय में भी जीत का जश्न रहा। एक दूसरे को जीत की बधाई देते हुए समाजवादी पार्टी के लोगों ने इरफान सोलंकी जिंदाबाद, नसीम सोलंकी जिंदाबाद, जेल के ताले टूटेंगे इरफान भैया छूटेंगे… जैसे नारे भी लगाए।
वहीं भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी ने काउंटिंग खत्म होने से पहले ही हार स्वीकार करते हुए इसकी वजह भीतरघात बताया। कहा- हिंदू वोट अगर न बंटता तो हमारी जीत होती।
अवगत कराते चलें कि शुरुआती रुझान से ही सपा यहां आगे चल रही थी।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी से चुनाव जीती नसीम सोलंकी ने कहा- सीसामऊ की जनता ने मेरे साथ इंसाफ किया है। सबसे पहले पति से मुलाकात करने जाऊंगी। इस बीच उन्होंने आरोप भी लगाया कि पुलिस और प्रशासन की दखल न होती तो जीत और बड़ी होती। अभी 8-साढ़े आठ हजार वोटों से जीती हूं, वरना 28 हजार वोटों से जीतती।
याद रहे कि इरफान सोलंकी को सजा हुई तो उनकी विधायकी चली गई जिसके लिए कराए गए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया था।
जहां तक सीसामऊ सीट पर समाजवादी पार्टी के कब्जे का सवाल है। सीसामऊ सीट में भाजपा ने अंतिम बार 1996 में जीत दर्ज की थी। तब भाजपा के राकेश सोनकर यहां से चुनाव जीते। परिसीमन के बाद यह सीट मुस्लिम बहुल हो गई। पिता हाजी मुस्ताक सोलंकी की राजनीतिक विरासत संभाल रहे इरफान सोलंकी आर्य नगर सीट से सीसामऊ शिफ्ट हो गए। इसके बाद 2012 में उन्होंने सीसामऊ से जीत दर्ज की। फिर 2017 और 2022 का चुनाव जीत हैट्रिक लगाई।