हत्या के प्रयास के आरोपी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा

(जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण में माननीय न्यायालय ने सुनाई सजा)
शहडोल । माननीय न्यायालय श्रीमान विशेष न्यायाधीश महोदय (अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम) जिला शहडोल ने थाना अमलाई के अपराध क्रं0 102/17 विशेष सत्र प्रकरण क्रं0 35/2017 शासन बनाम दीपू उर्फ दीपनारायण वगै0 में आरोपी पप्पू नापित पिता दुलारे नापित उम्र करीब 31 वर्ष निवासी ग्राम रामपुर थाना अमलाई जिला शहडोल म0प्र0 को भादवि की धारा 307 में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंण्डित किया है। प्रकरण के अन्य आरोपी दीपू उर्फ दीपनारायण को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया है। वही एक अन्य आरोपी परमानंद उर्फ गोलू पनिका पिता साइमालाल पनिका उम्र 31 वर्ष फरार है। प्रकरण में श्री एस0एल0 कोष्टा उपसंचालक अभियोजन जिला शहडोल द्वारा पैरवी की गई।
घटना का संक्षिप्त विवरण –
संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी श्री नवीन कुमार वर्मा ने प्रकरण के पैरवीकर्ता अभियोजन अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी अनुसार बताया कि फरियादी अमरनाथ चौधरी थाना में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 03/04/2017 को शाम करीब 7-8 बजे वह अपने बडे पिता के लडके संजय चैधरी के साथ धनी बैगा के घर में बैठ कर बातचीत कर रहा था उसी समय संजय के मोबाईल में पप्पू नापित का फोन आया संजय चौधरी ने पप्पू से फोन पर बातचीत करके बोला कि पप्पू नापित उसे रामजतन की दुकान के पास बुला रहा है चलो चलते हैं। तब मैं और संजय चौधरी रामजतन गुप्ता की दुकान के पास आये तो पप्पू नापित संजय से बात किया उसी समय वहां गोलू और दीपू पंडित आ गए तब पप्पू नापित संजय से बोला कि पीछे चलकर बात करते हैं। तब दोनों प्यारेलाल साहू के घर के पीछे बाडी तरफ चल दिए पीछे से मैं भी चल दिया। पप्पू पैसो के लेन देन के लेकर संजय चौधरी से गाली गलौच करने लगा इसी बीच मेरे भाई का फोन आया गया तो मैं थोडी दूर जाकर अपने भाई से बात करने लगा इसी बीच गोली चलने की आवाज आई, मैं भागते हुए गया संजय के पास पहुंचा तब तक संजय गिर गया था संजय के सीने में गोली लगी थी। संजय ने बताया कि पप्पू नापित गोली मार दिया है। पप्पू गोली मारने के बाद मौके से भाग गया। प्रकरण में सम्पूर्ण विवेचना कार्यवाही पूर्ण होने के बाद अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन की ओर से माननीय न्यायालय समक्ष मौखिक अंतिम तर्क प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय ने अभियोजन के तर्क एवं प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपी को वर्धित दण्ड से दण्डित किया।

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