कमलेश मंजू ने जुआ फड़ की संभाली जिम्मेदारी तो जाकिर ने ब्याज में पैसे उपलब्ध कराना किया जारी
समाज जागरण
विजय तिवारी
जिले का सड्डी -केशवाही की सीमा पर नामचीन जुआडियों के अवैध गतिविधियों का मुख्य अड्डा बन गया है, जहां संभाग स्तर से जुआ खेलने पहुंचने वाले जुआडियों की भीड़ में रोजाना 25-30 लाख के दांव लगाए जा रहे हैं जिसकी जानकारी होने के बावजूद स्थानीय पुलिस कार्रवाई से कन्नी काटती नजर आ रही है। माना जाता है कि पुलिस कार्रवाई के बाद बंद होने वाले फड व बंद होती आय के स्त्रोत से पुलिस किसी प्रकार की कार्रवाई से परहेज करना चाहती है, लेकिन दूसरी ओर पुलिस कप्तान के अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दिए निर्देशों को स्वयं पुलिस ही अनदेखी भी कर रही है। लोगों का कहना है किजब स्थानीय पुलिस हत्यारे व बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में आरोपियों को धरती के किसी कोने से ढूंढ लाती है तो सड्डी में संचालित जुआ के फड का सुराग क्यों तलाश नहीं पा रही है। उल्लेखनीय है कि शहडोल जिले के अंतर्गत केशवाही चौकी व कोतमा थाना की सीमावर्ती गांव सड्डी अनूपपुर और शहडोल जिले के जुआडियों के साथमरवाही, पेंड्रा, गौरेला, मनेन्दगढ़, राजनगर, बिजुरी, अमलाई, कोतमा भालूमाड़ा, फुनगा, चचाई, बुढ़ार, शहडोल के साथ उमरिया व कटनी के जुआडियों की भीड़ में शहडोल संभाग का सबसे बड़ा जुआ फड की सुरक्षित स्थली बन गया है। जहां पुलिस सरंक्षण में दोपहर 12 बजे से आरंभ होकर रात 12 बजे तक जुआ का खेल संचालित किया जाता है। शहडोल एवं अनूपपुर जिले की सीमावर्ती गांव सड्डी में जुआ का अवैध खेल आज से नहीं वर्षों से जारी है, बावजूद पुलिस कभी इस गांव की ओर सूचना मिलने के उपरांत भी कार्रवाई नहीं करती। इस गांव की ओर उनके कदम नहीं उठते।जबकि अनूपपुर जिले के नामचीन जुआड़ी अपनी कार में अन्य जुआरियों को साथ लेकर यहां पहुंचता है। और मैनेजमेंट कमलेश, मंजू नामक व्यक्ति के हाथों में होता है। जो पुलिस की मुखबिरी के लिए चौराहों तक लोगों को फैला देता है। जबकि आपातकालीन सूचनाओं में थाने में तैनात वर्दी की आड़ में मुखबिरी शामिल होते हैं जो बड़े स्तर की कार्रवाई जुआडियों तक भेज उन्हें पहले से सतर्क कर देते हैं। हालांकि जुआड़ी भी अपने स्तर पर दैनिक दर पर गांव के लोगों को मोटी रकम की आड़ में चौराहे पर मुखबिरी के रूप में तैनात कर देते हैं। ये मुखबिर इतने शातिर होते हैं कि किस प्वाइंट से क्लाइंट को उठाना है कहां भेजा है सब पता होता होता है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि लोगों को यह शक न हो और पहचान बचा रहेबाहर से आने वाले जुआडियों को बकायदा गाड़ी में बैठाकर ठीहे तक पहुंचाते हैं और हार जाए तो बकायदा उसे वापस घर भी पहुंचा देते हैं। बताया गया कि जुआ फड़ में बाकायदा ब्याज से पैसा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जाकिर को दी गई है। जाकिर 10त्न में जुआरियों को राशि उपलब्ध कराता है। उसके एवज में कुछ भी मिल जाए गहन भी रख लेता है। हालाकि पुलिस को टीम बनाकर जुआ फड़ में दबिश देने की आवश्यकता है जिससे जुआ का संचालन न होने पाए ।