अररिया की सरजमीं साहित्य के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान बना रही है: प्रो. कादरी

मौलाना शाहिद आदिल की दो उर्दू किताबों “गश्त बर गश्त” और “बामों दर” का भव्य विमोचन

अररिया के इस महत्वपूर्ण साहित्यिक आयोजन ने सीमांचल क्षेत्र की साहित्यिक पहचान को और मजबूत किया। मौलाना शाहिद आदिल के विमोचित कृतियों ने साहित्य प्रेमियों और विद्वानों का ध्यान आकर्षित किया, और इस क्षेत्र के साहित्यिक परिदृश्य को नई दिशा दी है।

अररिया/डा. रूद्र किंकर वर्मा।

अररिया जिले की साहित्यिक धारा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाला एक ऐतिहासिक कार्यक्रम गुरुवार को एक होटल में आयोजित किया गया, जिसमें प्रसिद्ध इस्लामिक स्कॉलर और मदरसा इस्लामिया यतीम खाना के प्रिंसिपल मौलाना शाहिद आदिल कासमी की दो उर्दू किताबों का भव्य विमोचन हुआ। ये किताबें “गश्त बर गश्त” और “बामों दर” हैं, जिन्हें साहित्यकार और कहानीकार मौलाना शाहिद आदिल ने लिखा है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इमारतें शरिया के नायब अमीर ए शरीयत मौलाना शमशाद रहमानी, प्रोफेसर सबदर इमाम कादरी, बिहार उर्दू एकेडमी के पूर्व सचिव मुश्ताक अहमद नूरी, आरिफ इकबाल और सीमांचल क्षेत्र के प्रसिद्ध साहित्यकारों ने शिरकत की। कार्यक्रम का आयोजन होटल में धूमधाम से किया गया, जिसमें साहित्य जगत के कई चर्चित नाम मौजूद थे।

मौलाना शाहिद आदिल की कृतियों की सराहना
मौलाना शाहिद आदिल की दोनों किताबों के विमोचन के बाद अतिथियों ने उनकी कृतियों की भरपूर सराहना की। प्रो. कादरी ने इस अवसर पर कहा, “अररिया की सरजमीं साहित्य के क्षेत्र में अपनी एक महत्वपूर्ण पहचान बना रही है, और अब यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है।” उन्होंने मौलाना शाहिद आदिल को सीमांचल के एक होनहार और उभरते हुए साहित्यकार के रूप में सराहा, जो अपनी लेखनी के जरिए समाज को एक नई दिशा दे रहे हैं।

साहित्यकारों और लेखकों का समर्थन
इस कार्यक्रम में कई प्रमुख साहित्यकारों और लेखकों ने मौलाना शाहिद आदिल द्वारा लिखी गई किताबों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथियों में मौलाना वाहिद रहमानी, रजी अहमद तन्हा, रफी हैदर अंजुम, रहबान अली राकेश, जसीम उद्दीन, मुफ़्ती इनामुल बारी और मुफ़्ती हुमायूं समेत अररिया के पूर्व सांसद सरफराज आलम, सूबे के पूर्व मंत्री सह जोकीहाट विधायक शाहनवाज आलम, और जेड ए मुजाहिद ने भी मौलाना शाहिद आदिल की कृतियों की तारीफ की और उनके कार्यों को साहित्यिक धारा में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया।

पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन
इस अवसर पर दोनों किताबों का विमोचन किया गया और पुस्तक पर एक विस्तृत चर्चा आयोजित की गई। साथ ही इस कार्यक्रम के दौरान अररिया के साहित्यिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा पर भी विचार-विमर्श हुआ। मंच का संचालन ब हुस्न खूबी मुशीर आलम और मौलाना वाहिद रहमानी ने किया।

मौलाना शाहिद आदिल की साहित्यिक यात्रा
मौलाना शाहिद आदिल कासमी की यह पहली किताब नहीं है, इससे पहले भी उन्होंने तीन अन्य किताबों का लेखन किया है। उनकी यह नई कृतियां उर्दू साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं, और उनके लेखन की शैली में सूफीवाद, दर्शन, और समाजिक मुद्दों की गहरी समझ झलकती है।

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