ऐसे करे असली नकली खोये की पहचान।

त्योहार आते ही मिलावटखोर हुए सक्रिय : प्रशासन मौन नगर में कब चलेगा मिलावट करने वालों के खिलाफ अभियान : जयकरण कुमार

शिकारपुर : नगर में त्योहार नजदीक आते ही मिठाइयों का बाजार गुलजार हो गया है। इसके साथ ही हर वर्ष की तरह इस बार भी मिलावटखोर सक्रिय हो गए है। हालांकि प्रशासन ने अभी इनके खिलाफ कोई विशेष अभियान शुरू नहीं किया है। दीपावली का त्योहार आने वाला है दिवाली पर मिठाई की खूब बिक्री होती है। मिलावटखोरों के लिए भी यह त्योहारी सीजन काले कारोबार से कमाई करने के लिए एकदम मुफीद होता है। मिलावट करने वाले इतनी सफाई से मिलावट करते हैं कि आम आदमी को इनकी पहचान करना मुश्किल होता है।

त्योहार आते ही ये मिलावटखोर और ज्यादा सक्रिय हो जाते है ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि खाने की चीजों में मिलावट अस्पताल तक भी पहुंचा सकती है। लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार भी अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठा नहीं दिखा रहे है। इन मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर मात्र रस्मअदायगी की जाती है जिससे मिलावटखोरों के हौंसले बुलन्द है। त्योहार शुरु होने वाले हैं और अब मिलावटी मिठाइयों को खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता परखने की आवश्यकता है। अगर गुणवत्ता खराब है तो बिलकुल नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि मिलावटी मिठाई खाने से स्वास्थ्य खराब हो जाता है।

युवा समाजसेवी योगेश शर्मा, ने बताया कि त्योहारों के समय मिठाइयों की मांग बहुत होती है। इसी का फायदा उठाकर मिलावटखोर, मावे, और मिठाइयों में मिलावट करके उसकी मात्रा तो बढ़ा देते है। लेकिन उसकी गुणवत्ता पूरी तरह से खत्म हो जाती है। इसका नतीजा यह होता है कि कई बार लोग बीमार हो जाते है।

प्रदीप कुमार गौतम एडवोकेट, ने बताया कि त्योहारों में मिठाइयां खरीदते समय उसकी गुणवत्ता देखनी बहुत जरुरी है नहीं तो मिठाई के चक्कर में स्वास्थ्य भी दांव पर लग सकता है। खाद्य सामग्री से लेकर किराना स्टोर तक हर जगह मिलावट का खेल खेला जा रहा है और जिम्मेदार भी आराम से सबकुछ होता देख रहे है।

नरेन्द्र कुमार, ने बताया कि नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में कई दुकानदार मिलावटखोरी करके लोगों के स्वास्थ्य के साथ मजाक कर रहे है। मिलावटखोरों की जांच कर इन पर कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे लोगों को बाजार में शुुद्ध मिठाइयां मिल सकें ।बाजार में तरह-तरह के पदार्थ मिलाकर मिठाई बेची जाती है जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। मिठाई या दूध, दही, घी, खोवा खरीदने से पहले सावधान न होने पर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि, ये मिलावटी चीजें जान लेवा हो सकतीं है दीपावली और अन्य त्योहारों के समय मिठाइयों की मांग बहुत होती है।

ऐसे करे असली नकली की पहचान

युवा समाजसेवी योगेश शर्मा, ने बताया कि असली नकली की पहचान करने के लिए थोड़ा सा खोवा अपने अंगूठे के नाखून पर रगड़कर देंखें अगर असली होगा तो उसमें घी की महक आएगी। थोड़ा सा मावा हथेली में लेकर उसकी गोली बनाएं अगर गोली फटने लगे तो मावा नकली है। दो ग्राम मावा लेकर पांच किलो लीटर गर्म पानी में घोल लें और इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इसमें आयोडीन डालें अगर मावा नकली होगा तो इसका रंग नीला हो जाएगा, असली मावे की पहचान का सबसे आसान तरीका यह भी है कि वह चिपचिपा नहीं होता। चखकर भी असली मावे की पहचान की जा सकती है मावा मिलावटी होने पर इसका स्वाद कसैला होगा। मिलावटी खोवे से बनी मिठाई के सेवन से पेट सम्बन्धी बीमारियां होने का खतरा रहता है। मिलावटी मिठाई खाने से फूड पॉइजन हो सकती है। इससे उल्टी, दस्त, घबराहट, जी मचलाना, पेट में दर्द, बुुुखार और कमजोरी महसूस होने लगती है। डांक्टर आर्शीष शर्मा

त्योहार शुरु होते ही छापामार अभियान चलाया जाएगा और अभियान चल भी रहा है मिलावटखोरी नहीं होने दी जाएगी अगर कोई मिलावट करेगा तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। नगर में जल्द से जल्द एक अभियान चलाया जाएगा मनीषा शर्मा एफएसओ (FSO) बुलन्दशहर ।