अयोध्या की हलचल से लगभग 2,000 किलोमीटर दूर, कर्नाटक के रामनगर जिले में एक पहाड़ी पर भगवान राम को समर्पित एक और मंदिर चर्चा में है. लेकिन रामदेवराबेट्टा मंदिर अलग कारणों से सुर्खियों में है, इसको अपने विकास कार्य के तहत बनाने का आदेश एक मुस्लिम विधायक ने दिया है.
कांग्रेस नेता ने News18 से कहा, “भगवान राम शाश्वत शक्तिशाली, परोपकारी हैं और धर्म या लोगों के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं. मेरा नाम इकबाल अंसारी है. मैं भगवान राम का भक्त हूं. मैं एक मुस्लिम हूं और रामनगर की पवित्र भूमि से विधायक के रूप में चुना गया हूं.”
स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के दौरान रामदेवराबेट्टा में ‘लिंग’ स्थापित किया था. इसी पहाड़ी के पास वह स्थान भी है जहां प्रसिद्ध हिंदी फिल्म ‘शोले’ की शूटिंग हुई थी.
चुनाव जीतने पर लिया भगवान से आशीर्वाद
दक्षिण में राम मंदिर बनाने की अपनी योजना के बारे में विशेष विवरण साझा करते हुए, अंसारी कहते हैं कि कोई भगवान को अलग-अलग नामों से संदर्भित कर सकता है, राम, कृष्ण, ब्रह्मा, ईश्वर या अल्लाह, लेकिन अंततः अस्तित्व केवल एक ही है. उन्होंने कहा, “जब मैंने रामनगर से विधायक के रूप में यह चुनाव जीता, तो मैं रामदेवराबेट्टा गया और भगवान राम से आशीर्वाद लिया. मैंने भगवान को चुनाव लड़ने और सीट जीतने की ताकत, इतना कुछ देने के लिए धन्यवाद दिया. मैं राम और लोगों का आभारी हूं.”
राम मंदिर के लिए दिए 50 करोड़
इकबाल अंसारी ने कहा, “मैं सभी देवताओं की पूजा करता हूं. भगवान राम मेरे कुलदेवता हैं. एक छात्र के रूप में, हम देवी सरस्वती, लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते थे. मैंने भगवान राम की पूजा भी की है.” अंसारी ने बताया कि शुक्रवार को अपनी विधायक निधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने जो पहला अनुदान स्वीकृत किया, वह रामदेवराबेट्टा में राम मंदिर के विकास के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित करना था.