तीन “तलाक” ले चुके स्वामी प्रसाद मोर्य को अब रामायण चरितमानस पर ज्ञान

समाज में हर बार सच के राह पर चलने के बजाय लोग सत्ता हथियाने के लिए गलत राह को चुनने से कभी परहेज नही करते है। यूपी में इस समय रामायण की चर्चा रामायण में चरम पर है। रामायण जो कि मनुष्यों में मर्यादा का ज्ञान मार्ग है। मनुष्य को समाज में कैसे व्यवहार करना चाहिए इसके लिए उचित मार्ग दर्शन का मार्ग है। रामायण जो सीखाता है कि धर्म का पालन कैसे करनी चाहिए।

लेकिन अधर्मियों नें आज कल इसे ही बहस का मुद्दा बना लिया है। बार-बार राम भक्त और रामायण को नीचा दिखाकर एक विशेष वर्ग का विश्वास हासिल करने की कोशिश की जा रही है। यही 1992 में राम भक्तों पर गोली चलवाकर उस समय का तत्कालीन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश नें किया था। अब फिर से ‘समाज’ वादी का सूर रामायण को बदनाम करने के लिए उठा है।

सत्ता के लालच में भटकने वालों को शायद भारत के जनमानस आज तक पहचानने मे नाकामयाब रही है। यही कारण है कि नेता हिंदुओं के खिलाफ कुछ बोलकर जनता से वोट हासिल कर लेते है। आज स्वामी प्रसाद मोर्य जी कुछ ऐसा ही कर रहे है। सत्ता के लिए “तीन तलाक” ले चुके मोर्य को अब रामायण चरित मानस में भी कमी दिखने लगा है और इसे बैन करने की मांग कर रहे है। संभवत: यह सब लोकप्रियता पाने या फिर यूपी में फिर से अपनी जमीन तलाश रहे समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं के इशारे पर किए जा रहे है। हाथी को छोड़ कमल को पकड़कर जब तक चले जब तक सत्ता में मलाई मिला, चुनाव से पहले तलाक लिया फिर साइकिल पर सवार हुए, लेकिन किस्मत इस बार खराब निकला और साइकिल पंचर बनाने में नाकायाब रहे।

भाजपा नेता पूर्व प्रदेश सहसंयोजक मत्स्य प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश शरद निषाद जी का मानना है कि यह सब अखिलेश यादव जी के इशारे पर किया जा रहा है स्वामी प्रसाद मोर्य तो एक मोहरा है । जैसा इनका इतिहास रहा है समाजवादी पार्टी का संभवत: पार्टी उसी राह पर है। उन्होनें जो स्वामी प्रसाद मोर्ट के माध्यम से बोला है उसका हम घोर निंदा करते है।

harish Mishra

harish Mishra

उत्तर प्रदेश में माफिया के आगे पहले भी सरकार बेबस थी आज भी बेबस है और आगे भी यही होता रहेगा भाई भतीजावाद की गिरफ्त में अभी भी उत्तर प्रदेश है नामी-गिरामी माफिया पर कार्यवाही करने में योगी बाबा को सांप सूंघ जाता है हां बदला की कार्यवाही जरूर हो रही है


Shravan Nishad

@Shravan41211854

Replying to

@Sudhir_mish

स्वामी प्रसाद मौर्य जी तो केवल मोहरा हैं असल में श्री राम चरित मानस पर बैन लगाया जाय का विचार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी का हैं सस्ती लोकप्रियता हाशिल करने के लिए उन्होंने ही स्वामी प्रसाद मौर्य के माध्यम से बोला है इसकी हम घोर निन्दा करते है।

Translate

शैलेन्द्र तिवारी@Shailen07955749

पहाड़ उखाड़ने के खेल में अपनी ही पैंट फाड़कर नाचने वाले राजनीतिज्ञ इसी देश में पाए जाते हैं ऐसे दो चार लोगों कि जरुरत हर दल में है। उत्तर प्रदेश और बिहार में शादी विवाह में जो नाच मंडली जाती है उसमें नाचने वाले के सिवा एक जोकर भी होता है जो बीच बीच में आकर कुछ ऐसा ही बोलता है।