हमें राज्य नहीं, जन गोष्ठी आधारित सामाजिक आर्थिक इकाई का वैधानिक अधिकार चाहिए

समाज जागरण,बिनोद सिंह ब्यूरो चीफ सह प्रभारी पलामू प्रमंडल

मेदिनीनगर,पलामू (झारखंड)21 फरवरी 2023:- मेदिनीनगर के कचहरी में जिला परिषद कार्यालय के सामने प्रगतिशील मगही समाज की ओर से मगध जो प्राचीन काल से गोरवशाली एवं समृद्धशाली जनगोष्ठी रहा है, इसे स्वतंत्र सामाजिक आर्थिक इकाई का वैधानिक दर्जा देने की मांग को लेकर धरना दिया गया। तत्पश्चात जिला पदाधिकारी के माध्यम से गृह मंत्री भारत सरकार एवं मुख्य मंत्री, झारखंड सरकार को मांग पत्र भेजा गया।

धरना को संबोधित करते हुए समाज के सचिव श्री जगदीश सिंह ने कहा कि मगध अपने आप में पूर्ण आत्मनिर्भर सामाजिक आर्थिक इकाई (जन गोष्ठी) है। जिसकी अपनी भाषा, अपनी संस्कृति, अपना इतिहास, नश्ल, भौगोलिक स्थिति, और भावनात्मक विरामत है। जिसे आज तीन राज्य यथा बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य का बलरामपुर जिला में विभक्त कर दिया गया है। यह कृत्य पूर्ण रूप से प्रकृति विरोधी है। क्योंकि जन गोष्ठी पूरी तरह से प्राकृतिक व्यवस्था और प्राकृतिक संरचना होता है। प्रकृति ने मगध को पूर्ण आत्मनिर्भरता के लिए अपार संसाधन उपलब्ध किया गया है, अगर मगध के पूरे भू भाग को एकीकृत कर इसे स्वतंत्र सामाजिक आर्थिक इकाई का वैधानिक अधिकार मिल जाय तो यहां शत प्रतिशत स्थानीय रोजगार सृजन होगा। पूंजीवादी व्यवस्था के शोषण जाल से मुक्ति मिल जाएगी। इसकी अपनी मातृभाषा और संस्कृति प्रस्फुटित हो उठेगा, जिससे सामाजिक सौहार्द बढ़ेगा, और अपराध, भ्रष्टाचार, अपसंस्कृति पर विराम लगेगा।

समाज के संरक्षक श्री विश्वनाथ सिंह ने कहा कि भारत के लोग अब अपने- अपने जन गोष्ठी में जन गोष्ठी आधारित व्यवस्था के लिए जागुरूक होने लगे हैं। यही कारण है कि आज के दिन सिर्फ मगध में ही नहीं बल्कि भारत के सभी प्रमुख चौवालिस जनगोष्ठियों में प्राउटिष्ट सर्व समाज के अगुआई में उक्त मुद्दा पर धरना के माध्यम से सरकार को मांग पत्र भेजा जा रहा है।

समाज के उप सचिव दीपक कुमार देव ने कहा कि राज्य की अवधारणा पूंजीवादी संस्कृति है जिसमें जन गोष्ठियों की सह अस्तित्व वादी कुचला जाता है। धरना को मणिकांत देव, प्रयाग देव, वेद प्रकाश आदि वक्ताओं ने भी संबोधित किया।