पीएम नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार अपनी वापसी को लेकर इतने आश्वस्त हैं कि उन्होंने सरकार बनने के बाद 100 दिनों का एजेंडा भी बना लिया है. वह पहले ही 400 पार का नारा उछालते रहे हैं. चुनावी रणनीतिकारों और विश्लेषकों की मानें तो यह भाजपा की विपक्ष पर प्रेशर बढ़ाने की रणनीति है.
लोकसभा चुनाव की घोषणा भी अभी नहीं हुई है. रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि 10-15 दिनों के बाद चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखों का ऐलान कर सकता है. हालांकि एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक चौंकाती है. जी हां, वोटिंग से पहले ही सरकार या कहें कि भाजपा इतनी कॉन्फिडेंट है कि मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का एजेंडा भी तय कर लिया है. ‘विकसित भारत: 2047’ के जिस विजन डॉक्यूमेंट पर कल मीटिंग में बात हुई है, उसके तहत मई में नई सरकार बनने के बाद 100 दिन का प्लान तैयार किया गया है. क्या यह चुनाव से पहले ही विपक्ष पर प्रेशर बढ़ाने या कहें कि दम फुलाने की रणनीति है? चुनाव में उतरने से पहले ही क्या यह विपक्ष को कमजोर दिखाने की मोदी की स्ट्रैटिजी है?