गुप्त नवरात्र पर्व मे धर्म नगरी मल्हार मे आयोजित सहस्त्र चंडी महायज्ञ व पाठ के दर्शन के लिए भारी संख्या मे पहुच रहे श्रद्धालु

समाज जागरण ब्यूरो विवेक देशमुख, हरिशंकर पांडेय

मल्हार। ऐतिहासिक नगरी मल्हार में गुप्त नवरात्र पर्व के अवसर पर आयोजित सहस्त्र चंडी महायज्ञ व पाठ के दर्शन के लिए अब श्रद्धालु पहुचने लगे है। पिछले दिनों से मौसम में हुए बदलाव के बाद भीषण गर्मी से लोगो को राहत मिली है। माँ डिडनेश्वरी देवी मंदिर परिसर में 19 जून से आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान के शुरुवात में भयंकर गर्मी पड़ रही थी जिसके चलते श्रद्धालुओ की संख्या भी कम थी पर अब मौसमी फुहार पड़ते ही महायज्ञ में शामिल होने दूर दूर से लोग पहुच रहे है। रविवार को नवरात्र सप्तमी तिथि पड़ रही है इसलिए हजारो लोगो के आने की उम्मीद है सोमवार को महाअष्टमी को हवन पूजन के साथ सभी अनुष्ठान संपन्न होंगे वही मंगलवार को महानवमी तिथि के दिन अनुष्ठान के अलावा भव्य भोग भंडारा का आयोजन होगा। धर्मनगरी मल्हार में पहली बार हो रहे इस धार्मिक अनुष्ठान में 71 से ज्यादा वैदिक पण्डित आचार्य किशोरशरण पाठक के साथ सुबह से रात तक वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ महायज्ञ में शामिल है जिनके मंत्र व भक्तिमय संगीत से पूरा नगर भक्तिमय हो गया है। तो वहीं रात में आचार्य जी अपने शिष्यों के साथ भजन सुनाकर संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर रहे है।

संध्या आरती में हो रहे सैकड़ो लोग शामिल..

महायज्ञ अनुष्ठान की प्रतिदिन शाम को होने वाली संगीतमय मंगल आरती में शामिल होने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुच रहे है। एक घण्टे की इस आरती के बाद मा डिडनेश्वरी देवी की नित्य मंगल आरती में भी नगर व आसपास के सैकड़ो लोग शामिल हो रहे है। इसके अलावा यज्ञ स्थल की परिक्रमा अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में कर रहे है। मंदिर के चारो तरफ हो रहे विभिन्न अनुष्ठान से पूरा मन्दिर परिसर मन्त्रो के जाप से भक्तिमय हो गया है। मन्दिर के ठीक पीछे श्रीकृष्णवट के नीचे यज्ञ स्थल बना है जहां हवन की आहुतियां दी जा रही है और ठीक सामने नौ वेदियों में देवी देवता विराजमान है जिनकी नियमित आराधना हो रही है वही उत्तर दिशा के भोगशाला के पास 61 वैदिक पण्डित मन्त्रो के जाप से पाठ कर रहे है। तो दक्षिण दिशा में भजन कीर्तन व कार्यालय के जरूरी काम सुचारू रूप से चल रहे है।