दैनिक समाज जागरण, ( महेन्द्र प्रजापत बहल )
बीआरसीएम ज्ञानकुंज एन एस एस इकाई ने स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी जोगेंद्र सिंह के कुशल नेतृत्व में संपन्न हुआ। इस अवसर पर वॉलंटियर्स नीतू बांगड़वा, हिमांशु सांगवान, कुसुम,रिया, खुशबू, मुस्कान, तरुण, साहिल, प्रदीप आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता पर बल दिया। ज्ञानकुंज प्राचार्य राजेश कुमार झाझरिया ने अपने संबोधन में वॉलंटियर्स को स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने और राष्ट्रीय सेवा योजना के आदर्शों का पालन करने का संदेश दिया। उन्होंने विवेकानंद को युवाओं के प्रेरणा स्रोत और आदर्श युगपुरुष के रूप में वर्णित किया।स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं की शक्ति को पहचाना और उन्हें राष्ट्र निर्माण का स्तंभ माना। उनका मानना था कि यदि युवा अपनी ऊर्जा, ज्ञान और सकारात्मक दृष्टिकोण का सही उपयोग करें, तो कोई भी राष्ट्र विश्व पटल पर श्रेष्ठ बन सकता बीआरसीएम शिक्षण समिति निदेशक डॉक्टर एस के सिन्हा ने अपने प्रेषित संदेश में कहा कि सभी एन एस एस वॉलंटियर्स स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपने कार्यों में मूर्त रूप देने वाले सच्चे प्रतिनिधि हैं। एन एस एस का आदर्श वाक्य “मैं नहीं, लेकिन आप” स्वामी जी के सेवा और त्याग के सिद्धांतों को दर्शाता है। समाज सेवा में आपकी भागीदारी, गांवों में विकास कार्य, स्वच्छता अभियान, और शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम, सभी उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का प्रतीक हैं। यह कार्यक्रम युवाओं के लिए प्रेरणादायक रहा और उन्हें स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर उपप्राचार्या श्रीमती सरस्वती दीक्षित एवं एन एस एस वॉलिंटियर्स उपस्थिति रहे।