भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह की जीत में पंडित अजय झा का रहा अहम रोल

अररिया सीट हारकर भी जीत गई राजद, बीजेपी के गढ़ में कर दी भयंकर सेंधमारी

अररिया/डा. रूद्र किंकर वर्मा।

…देखो विनोद! भले हीं अररिया सीट से राजद की हार हुई लेकिन राजद कैंडिडेट शाहनवाज हार कर भी जीत गए। यह कसक अररिया लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद भाजपा और आरजेडी के खेमों में है। आरजेडी को जहां हारने का मलाल है तो वहीं खुद को मजबूत करने की खुशी भी है।
देखो विनोद भाजपा खेमा के चंद चाटुकार भाजपा प्रत्याशी प्रदीप सिंह को एक से डेढ़ लाख वोटों से जीत का दावा करता रहा। खुद प्रत्याशी उस गणित के बल पर दंभ करते रहे कि वे न्यूनतम एक लाख से ज्यादा मतों से जीतेंगे। किंतु परिणाम आने के बाद भाजपाइयों को तगड़ा झटका लगा। वे लोग तो इतना तक कहते थे कि मुस्लिम कार्यकर्त्ता जिन्हें ईद बकरीद में भारी तोहफा दिया गया उनसे अररिया जोकीहाट में ढ़ाकी भर वोट मिलेगा किंतु परिणाम ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हुई।
परशुराम परिषद के राष्ट्रीय संयोजक पंडित अजय झा का रहा अहम भूमिका

कोई माने या ना माने जिस प्रकार ब्राह्मण, सवर्ण आदि वोट को एक जुट करने में परशुराम परिषद के राष्ट्रीय संयोजक पंडित अजय झा व उनकी टीम की अहम भूमिका रही। फेसबुक लाईव पर उनकी दहाड़ भी रंग लाई। जिस प्रकार माय समीकरण की एक जुटता भाजपा के ग्राफ को डाउन किया। उसी प्रकार अपने मित्र भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाने में पंडित अजय झा कोर कमेटी रंग लाई।

बता दें कि भले ही अररिया लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह ने 20,094 वोटों के अंतर से राजद प्रत्याशी शाहनवाज आलम को मात दे दी है, लेकिन इतने कम वोट से इस जीत के बाद कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को 1.37 लाख वोटों के शानदार अंतर से जीत मिली थी। तो क्या अब भाजपा के गढ़ माने जाने वाले अररिया क्षेत्रों में भाजपा की पकड़ ढीली पड़ती जा रही है? नरपतगंज, फारबिसगंज, सिकटी और रानीगंज विधानसभा में 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार भाजपा को कम वोट मिले हैं। जबकि वोटरों की संख्या बढ़ी है। इन चारों विधानसभा में एनडीए के विधायक भी हैं। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र जोकीहाट में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है। राजद की बात करें तो इन चार विधानसभा में 2019 की लोकसभा चुनाव की तुलना में वोट प्रतिशत बढ़ा है। लेकिन मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र जोकीहाट व अररिया में वोटों के बिखराव को रोक पाने में नाकाम रहने के कारण राजद प्रत्याशी शाहनवाज आलम की हार मानी जा रही है। जोकीहाट से स्वयं शाहनवाज आलम तो अररिया में कांग्रेस के विधायक हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह को नरपतगंज में 1,30,200 बोट मिले थे, इसबार सिर्फ 1,22,421 मत मिले। पिछले चुनाव की तुलना में भाजपा को 7779 वोट कम मिले। राजद के सरफराज आलम को 2019 में नरपतगंज विधानसभा में मात्र 61,366 वोट मिले थे, इस
बार वोट बढ़कर 83,467 हो गया। रानीगंज में भाजपा को पिछली बार 1,09,949 वोट मिले थे, इस बार केवल 1,06,300 मत प्राप्त हुआ है। 3649 वोटों का नुकसान हुआ है। राजद को पिछली बार रानीगंज में 67,298 मत मिले थे जो इस बार बढ़कर 88,069 हो गया। इस तरह 20771 वोटों का फायदा हुआ है। इसी प्रकार फारबिसगंज में भाजपा को पिछली बार की तुलना में 605 वोट अधिक आया है।
वहीं यहां राजद को 13,094 वोट का फायदा हुआ है। अररिया में भाजपा को 2019 की तुलना में 2571 वोट कम आया। जबकि राजद को 15505 वोट अधिक मिले हैं।
मजेदार बात है कि जोकीहाट में पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में भाजपा को 1181 अधिक वोट प्राप्त हुआ है।