पटना में महिला का शव पहुंचते ही परिजनों में मचा कोहराम

महाकुंभ में भगदड़ के दौरान हुई थी मौत

समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश

पटना/ प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दौरान हुई भगदड़ में बिहार की एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। पटना जिले के मनेर प्रखंड स्थित गौरैयास्थान जीवराखन टोला की रहने वाली सिया देवी इस हादसे का शिकार हो गईं। हादसे की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। सिया देवी सोमवार को अपनी बहू रिंकू देवी और गांव की अन्य सात महिलाओं के साथ महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन शाही स्नान के लिए प्रयागराज गई थीं। महाकुंभ में इस पावन अवसर पर देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे, जिसके कारण भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। इसी दौरान भगदड़ मच गई और अफरा-तफरी के माहौल में सिया देवी भीड़ में दब गईं। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। भगदड़ के दौरान सिया देवी की बहू और अन्य महिलाएं उनसे अलग हो गईं, लेकिन किसी तरह खुद को सुरक्षित रख सकीं। हादसे के तुरंत बाद रिंकू देवी ने फोन कर परिजनों को इस दुखद घटना की सूचना दी। जैसे ही खबर गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। सिया देवी के परिवार में कोहराम मच गया।
मंगलवार को सिया देवी का शव एंबुलेंस से उनके गांव लाया गया। शव के गांव पहुंचते ही परिजन दहाड़ें मारकर रोने लगे। गांव में मातम का माहौल था। मृतका के चार बेटे और चार बेटियां हैं। उनके पति राजेंद्र राय और बेटे मजदूरी के सिलसिले में अन्य राज्यों में थे। हादसे की खबर मिलते ही वे तुरंत घर लौट आए, हालांकि एक पुत्र अभी भी सफर में है। गांव के वार्ड सदस्य बिनोद कुमार ने बताया कि सिया देवी के साथ गईं बाकी महिलाएं सुरक्षित हैं। गांव के लोग उन्हें प्रयागराज से वापस ला रहे हैं। प्रशासन ने इस घटना को लेकर संवेदना प्रकट की है और सरकार से मुआवजे की मांग की जा रही है।प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या का स्नान सबसे प्रमुख अवसरों में से एक होता है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। इसी कारण इस दिन भारी भीड़ होती है और भगदड़ जैसी घटनाएं होती रहती हैं। यह घटना एक बार फिर महाकुंभ में सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़ा करती है। सिया देवी की मौत के बाद उनके परिजनों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि अगर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होती तो इस तरह की घटना नहीं होती। प्रशासनिक स्तर पर इस मामले में क्या कार्रवाई होती है, यह देखना होगा। फिलहाल, गांव में शोक की लहर है और परिजन इस असमय बिछोह से गहरे सदमे में हैं।

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