महाभैरवाष्टमी पर लाट भैरव काशी यात्रा मंडल ने की भैरव प्रदक्षिणा यात्रा

समाज जागरण रंजीत तिवारी

वाराणसी।
महाभैरवाष्टमी के पावन पर्व पर शनिवार को लाट भैरव काशी यात्रा मंडल के तत्वावधान में भैरव प्रदक्षिणा यात्रा आयोजित की गई। यह यात्रा कज्जाकपुरा स्थित लाट भैरव मंदिर से प्रारंभ हुई। भक्तों ने पौराणिक श्री कपाल मोचन कुंड के जल से जलमार्जन किया और बाबा भैरव के सम्मुख संकल्प लेकर भैरवाष्टकम का पाठ किया।
यात्रा में श्रद्धालु नंगे पांव पारंपरिक परिधान में मस्तक पर त्रिपुंड लगाए शांत भाव से जय भैरव बम भैरव के उद्घोष के साथ आगे बढ़े। यात्रा में काशी के आठ दिशाओं के रक्षक अष्ट भैरव असितांग भैरव (महामृत्युंजय), चंड भैरव (दुर्गाकुंड), रुरु भैरव (हरिश्चंद्र घाट), क्रोधन भैरव (कामाख्या देवी, कमच्छा), उन्मत्त भैरव (बटुक भैरव), कपाल भैरव (कज्जाकपुरा), भीषण भैरव (भूत भैरव, नखास), और संहार भैरव (गायघाट) के दर्शन किए।
यात्रा के दौरान सभी भैरव मंदिरों में दीप जलाए गए और बाबा भैरव को आठ प्रकार के भोग अर्पित किए गए। मंडल के संयोजक केवल कुशवाहा ने बताया कि बाबा भैरव को कालों के काल महाकाल कहा जाता है, और उनकी उपासना से भक्तों को भय, शोक, और मोह से मुक्ति मिलती है। यात्रा में केवल कुशवाहा, शिवम अग्रहरि, धर्मेंद्र शाह, रितेश कुशवाहा, उत्कर्ष कुशवाहा, जय प्रकाश राय, आनंद मौर्य और रमाकांत समेत अन्य श्रद्धालु शामिल रहे।