भाजपा परिवार पर उंगली उठाने वाले अपने आईना में चेहरा देख ले



दैनिक समाज जागरण मनापासून ब्यूरो चीफ नालंदा (बिहार शरीफ)

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब तक बीजेपी के साथ रहे, उन्हें क्राइम और करप्शन से नफरत थी। उन्होंने जब भाजपा के साथ सरकार बनाई थी ,तो उन्होंने कहा था कि सरकार की पहली प्राथमिकता गुड़ गवर्नेंस, दूसरी और तीसरी प्राथमिकता भी गुड़ गवर्नेंस है। लेकिन, जैसे ही नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ जाते है उनकी प्राथमिकताएं बदल जाती है। इनकी प्राथमिकता में क्राइम और करप्शन करने वाले संरक्षित हो जाते है और इनकी पहली, दूसरी और तीसरी प्राथमिकताओं में बैड गवर्नेंस हो जाता है। नीतीश जी, इतनी जल्दी आप अपना हृदय परिवर्तन कैसे कर लेते है?
जदयू के प्रवक्तागण अपने आप को पाक साफ बता रहे है, लेकिन वो ये बताएं कि उनके सहयोगी दल राजद के सुप्रीमो लालू यादव किस जुर्म में जेल गए थे और उन्हें क्यों दोषी करार दिया गया था? क्या वो किसी स्वतंत्रता संग्राम को लेकर जेल की सजा काट रहे थे।
प्रवक्तागण ये बताएं कि उनके उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ईडी और सीबीआई में बार बार हाजिरी क्यों लगाने जा रहे है? प्रवक्तागण ये भी बताएं कि उनके सहयोगी दल के विधायक जेल में आंदोलन करके तो नही गए है?
दरअस, जदयू की सहयोगी पार्टी राजद का इतिहास ही अपराधियों को संरक्षण देना रहा है। उनकी राजनीति का मुख्य उद्देश्य धन उगाही करना है। उनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार के केस में फंसा हुआ है और उनके सहयोगी दल जंगल मे हुआँ-हुआँ कर रहे है। जबकि राजद बिहार में घोटालों का सृजनकर्ता है।
जनता दल यूनाइटेड के लोग क्या बोलेंगे? लाइन से बाबहुबलियों को इनलोगों ने टिकट देकर सदन पहुंचाकर लोकतंत्र का अपमान किया। जब राज्यसभा भेजने की बारी आती थी तो धनपशुओं को सदन में भेजा। भ्रष्टाचारियों से समझौता करना भी भ्रष्टाचार के श्रेणी में आता है।जो लोग भाजपा पर अंगुली उठा रहे हैं वो जरा आईना देख लें। केंद्र की नौ साल की सरकार में एक भी भाजपा नेता पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नही लगा। बिहार सरकार में रहे तो सभी भाजपा के नेता बेदाग रहे। भ्रष्टाचारियों से समझौता करने वाले जरा अपनी गिरेबान में झांक लें।