भ्रष्टाचार अब खास बात नहीं,आम बात हो गई है अब किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों

लेखक -चंद्रकांत पुजारी
गुजरात

भ्रष्टाचार आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि यह समाज में विकास और समृद्धि को रोकता है देश को आर्थिक रूप से खोखला करता है जिससे देश के हर एक आदमी पर इसका बुरा असर होता है। देश से भ्रष्टाचार मिटाना बहुत आवश्यक है परंतु, देश में भ्रष्टाचार की बन रही तस्वीर कुछ और ही कह रही है।ऐसा लग रहा है जैसे देश भ्रष्टाचार का आदि होता जा रहा है।
जिस भ्रष्टाचार शब्द और भ्रष्ट आचरण को लोग अच्छा नहीं मानते थे,उसी आचरण को अपनाने से लोग परहेज नहीं कर
रहे हैं
कुछ वर्ष पूर्व तक जिस इंसान पर भ्रष्टाचार का आरोप लग जाता था उसे समाज हेय दृष्टि से देखता था और उसपर कानूनी कार्रवाई होने का इंतजार करता था, किन्तु अब किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। आज की राजनीति ऐसी हो गई है कि, यदि कोई नेता या अन्य अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो बहुत से लोग उसके बचाव में भी आ जाते हैं? राजनीति का रंग देकर उसे बेदाग बताते हैं?
अब ऐसा लगता है जैसे लोग भ्रष्टाचार के आदी हो चुके हैं भ्रष्टाचार को लोगों ने स्वीकार कर लिया है अब किसी भी भ्रष्टाचार‌ आरोपी लोगों पर लोगों पर किसी को गुस्सा नहीं आता है? और ना ही कोई भ्रष्टाचार के आरोपी की सजा की मांग करता है ।
ऐसा लग रहा है कि, भारत में हर गली मोहल्ले ने भ्रष्टाचार को स्वीकार कर लिया है और लोगों ने यह मान लिया है कि, भ्रष्टाचार के साथ ही जीना है?
अपना काम करना है तो रिश्वत देना ही होगा अगर रिश्वत नहीं देंगे तो काम ही नहीं होगा? इससे अच्छा है कि चंद रुपए देकर पल्ला झाड़ लिया जाए और अपना काम करवा लिया जाए? दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि, आज के समय में सरकारी संस्थान हो या प्राइवेट संस्थान हो बिना टेबल के नीचे रुपए दिए कोई काम ही नहीं होता है लोग खुशी-खुशी रिश्वत लेते हैं और लोग मजबूरी बस चुपचाप रिश्वत
देते हैं?
देश का कोई भी विभाग कोई भी ऑफिस कोई भी संस्थान भ्रष्टाचार मुक्त नहीं है हर संस्थान में पैसे के बल पर ही काम होते हैं। ऊपरी आमदनी को बढ़ावा दिया जा रहा है “वेतन,इनकम के साथ कालाधन भी मिल जाए तो लाइफ मजे से कटेगी.”
यही सोच आज हर घर में घर कर रही है और यही वह सोच है जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।
दबी जुबान में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कार्यक्रम तो देश‌ के हर राज्य में हो रही है मगर ये कार्यक्रम गर्दिश में सितारे की तरह है।
भ्रष्टाचार सिर्फ भारत में है ऐसा नहीं है पूरी दुनिया के सभी देश में कम या ज्यादा हैं।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ एक ऐसी संस्था है जो प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व के लगभग देशो में सर्वे कर भ्रष्टाचार का आंकड़ा इक्कठा कर ,भ्रष्ट देशों की लिस्ट जारी करती है ।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इस बार भी भ्रष्टाचार बोध सूचकांक’ 2023 (CPI) जारी किया है।
दक्षिण एशियाई देशों में भारत को बीते साल की ही तरह इस बार भी 40 अंकों के साथ 85वां स्थान मिला है. जबकि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार बढ़ा ‌है 27 अंकों के साथ 140वीं स्थान मिला है. बांग्लादेश में भी हालात खराब है और उसे 25 अंकों के साथ 147वें स्थान पर रखा गया. सूचकांक में सबसे नीचे सोमालिया जिसे 12 अंक मिले हैं ।दक्षिण सूडान और सीरिया भी सबसे नीचे की रैंकों पर रहे.
मोटे तौर पर यह सूचकांक दर्शाता है कि, पिछले एक दशक में अधिकांश देशों में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण की स्थिति या तो काफी हद तक स्थिर या खराब रही है परंतु कम नहीं हुई है। तो भला भारत पीछे कैसे रह सकता है। देश विकसित राष्ट्र का सपना यदि पूरा करना है तो सबसे पहले देश से भ्रष्टाचार समाप्त करना होगा, राष्ट्रीयता की भावना का विकास कर देश को आगे रखना होगा।
जय हिन्द जय भारत