25 से 30 अप्रैल के बीच होगी बीपीएससी की मुख्य परीक्षा

समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश

पटना/ बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं मुख्य परीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। आयोग ने बुधवार को इसकी परीक्षा तिथि जारी कर दी है। यह परीक्षा 25 अप्रैल 2025 से 30 अप्रैल 2025 तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा पटना मुख्यालय स्थित विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर संपन्न होगी। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 21 फरवरी 2025 से शुरू होगी। 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) के री एग्जाम की मांग को लेकर छात्रों द्वारा लगातार दो महीनों से प्रदर्शन किया जा रहा है। पटना में इसको लेकर धरना जारी है, जहां बड़ी संख्या में छात्र री एग्जाम की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रारंभिक परीक्षा में कई अनियमितताएँ हुई हैं, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, आयोग ने अपनी ओर से स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य परीक्षा निर्धारित तिथि पर ही होगी। परीक्षा को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके अलावा, परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मोइनुल हक स्टेडियम के पास करीब 40 बसों की व्यवस्था की गई है। इन बसों के माध्यम से छात्रों को गर्दनीबाग धरनास्थल ले जाया जाएगा। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच प्रसिद्ध शिक्षक खान सर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीपीएससी इतनी डरी हुई क्यों है? खान सर के अनुसार, पिछले तीन दिनों में आयोग ने तीन अलग-अलग नोटिस जारी किए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आयोग दबाव में है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी स्थिति में वे लोग पीछे नहीं हटेंगे और री एग्जाम लेकर ही रहेंगे। छात्रों द्वारा लगातार किए जा रहे प्रदर्शनों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यह मामला अभी जल्दी समाप्त होने वाला नहीं है। एक ओर जहां आयोग मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटा है, वहीं दूसरी ओर छात्र अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आयोग अपने निर्णय पर कायम रहता है या छात्रों की मांगों के आगे झुकता है। यह पूरा घटनाक्रम बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर उठ रहे सवालों को भी उजागर करता है। यदि परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप सही साबित होते हैं, तो आयोग को इसके समाधान के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में परीक्षार्थियों का विश्वास बना रहे।

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