संवाददाता/ शिव प्रताप सिंह। दैनिक समाज जागरण
ओबरा/ सोनभद्र। विद्युत उत्पादन निगम के परिक्षेत्र में अपने कर्मचारियों के लिए बस स्टॉपेज बनाए गये है लेकिन वर्तमान परिवेश में बस स्टॉपेज अपना अस्तित्व बचाने में लगा हुआ है। बताते चलें कि प्रत्येक सेक्टरों में उत्पादन निगम के द्वारा बस स्टैंड बनाए गए थे , लेकिन धीरे-धीरे उनका अस्तित्व कैसे समाप्त हो गया इसकी जवाबदेही किसकी है। इसके लिए कोई सामने आने को तैयार नहीं विद्युत उत्पादन निगम के परिक्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण निगम के जिम्मे है। जिसके लिए लाखों रुपए वेतन के रूप में परियोजना के द्वारा भुगतान किया जाता है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वह अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन न करते हुए मुकदर्शक बने हुए हैं। जिसका प्रमाण आज देखने को मिला चड्डा मार्केट स्थित बस स्टॉपेज की दीवारों को जब तोड़ा जा रहा था, तो सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मी कहां थे। जिसकी सूचना पत्रकार बंधुओ द्वारा उच्च अधिकारियों को दी गई तो मौके पर पहुंच कर सुरक्षा में तैनात सैनिक मौके पर पहुंचे और देखकर वापस चले गए। सवाल उठता है कि अराजक तत्वों द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई जब की जा रही थी तो जिम्मेदार सुरक्षा कर्मी कहां मौजूद थे। बताते चलें कि ऐसे ही धीरे-धीरे उत्पादन निगम के परीक्षित में बने बस स्टॉपेज का अस्तित्व समाप्त कर वहां की जमीन पर अराजक तत्वों द्वारा कब्जा कर लिया जाता है। जिससे उत्पादन निगम की जमीन अतिक्रमणीत हो जाती है और बाद में उसको खाली करने में प्रशासन को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ जाता है। आज गिने-चुने स्टॉपेज ही बचे हुए हैं, बाकी सब का अस्तित्व इतिहास के पन्नों में खो गया और वहां की जमीन पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इस ओर विद्युत उत्पादन निगम के संबंधित विभाग व जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तो बनती है।