सदन में शिक्षा मंत्री का वक्तव्य सामंती और शोषण प्रवृत्ति का प्रतीक : फैक्टनेब

राज्य सरकार और शिक्षा विभाग अगर वास्तव में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना चाहती है तो संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षाकर्मियों का 2017 से बकाया वेतन मद अनुदान राशि बढ़े हुए मंहगाई दर से सूद समेत एकमुश्त भुगतान करे और एक सम्मानजनक वेतन मान निर्धारित कर प्रतिमाह वेतन भुगतान करने की व्यवस्था करे।

पटना ।

बिहार विधान परिषद् में विधान पार्षद डा.संजय कुमार सिंह, डा. संजीव कुमार सिंह, डा. समीर कुमार सिंह, डा. अजय कुमार सिंह, डा. विरेन्द्र नारायण यादव, सर्वेश कुमार, महेश्वर सिंह एवं भीष्म साहनी के वित्त अनुदानित शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को बकाया अनुदान एकमुश्त भुगतान व अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के अनुरूप घाटानुदानित वेतन मान निर्धारित कर प्रतिमाह वेतन भुगतान करने के ध्यानाकर्षण के जबाब में बिहार के शिक्षा मंत्री के द्वारा दिए गए वक्तव्य पर बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ ( फैक्टनेब) ने रोष प्रकट किया है।
बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ ( फैक्टनेब) के प्रधान संयोजक डा. शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा एवं राज्य मीडिया प्रभारी प्रो. अरुण गौतम ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगभग सत्तर फीसदी की जिम्मेदारी निभाने वाले संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षाकर्मियों को वेतन भुगतान नहीं करने के नकारात्मक वक्तव्य शिक्षा मंत्री के सामंती और शोषण प्रवृत्ति का परिचायक है तथा
समस्याओं का सामाधान किये बिना बिहार के उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा या शिक्षा व्यवस्था में सुधार की बात करना बेइमानी है।
डा. सिन्हा एवं प्रो. गौतम ने आगाह करते हुए कहा कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग अगर वास्तव में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना चाहती है तो संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षाकर्मियों का 2017 से बकाया वेतन मद अनुदान राशि बढ़े हुए मंहगाई दर से सूद समेत एकमुश्त भुगतान करे और एक सम्मानजनक वेतन मान निर्धारित कर प्रतिमाह वेतन भुगतान करने की व्यवस्था करे ।