समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ प्रखंड के कुरथौल पंचायत की मुखिया गीता देवी को बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग ने उनके खिलाफ की गयी शिकायतो को जांच में दोषी पाया और उन्हें पदमुक्त कर दिया। पंचायती राज विभाग की कार्रवाई से प्रखंड के जनप्रतिनिधियों में हड़कंप मच गया है। वहीं इस फैसले से नाराज मुखिया गीता देवी ने हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है। मुखिया के प्रतिनिधि रामबचन राय ने बताया कि राजनितिक प्रतिद्वंदिता के कारण ऐसा फैसला लिया गया है। मुखिया के खिलाफ लगाए गए सारे आप और पक्षपात करने का आरोप सरासर गलत है। रामबचन राय ने बताया कि मुखिया गीता देवी लगातार दूसरी बार इस पंचायत से निर्वाचित हुई है। जिस मामले में सुनवाई किया गया है वह पहले वाले कार्यकाल का मामला चल रहा है अगर वह इस बार चुनाव नहीं जीतते तब या आदेश किसके खिलाफ लिया जाता? उन्होंने बताया कि हम जल्द ही हाई कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे। फुलवारी शरीफ प्रखंड के कुरथौल पंचायत की मुखिया गीता देवी को मुखिया पद से हटाए जाने की खबर से फुलवारी शरीफ प्रखंड में राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया। बताया जाता है कि कई विकास योजनाओं में धांधली, पक्षपात एवं ग्राम सभा के बगैर ही विकास योजनाओं को पास करने, अभिलेखों को पंचायत सचिव या पंचायत भवन में रखने के बजाय अपने निजी भवन में रखकर उसका दुरुपयोग करने सहित कई आरोपों में नियमानुसार सुनवाई के पश्चात उन्हें दोषी पाया गया है। तत्पश्चात मुखिया गीता देवी को पदमुक्त कर दिया गया। नियम अनुसार अगले 5 वर्षों तक पंचायत के किसी भी पद पर उम्मीदवार नहीं हो सकती है। वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि इस मामले में उन्हें लेटर मिला है अब इसका अवलोकन करने के बाद आगे नियम अनुसार उप मुखिया को यहां का मुखिया का पद भार सौंपने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बताया जाता है की मुखिया गीता देवी, मुखिया के विरूद्ध आरोप है कि उनके द्वारा ग्राम पंचायत कुरथौल में उदयपुर किराना दुकान से होते हुए प्राथमिक विद्यालय, विशुनपुर पकड़ी तक रोड ढलाई एवं नाले जिसकी लम्बाई लगभग 28 फीट एवं चौड़ाई 10 फीट का निर्माण कार्य कराया जाना है(यह योजना वित्तीय वर्ष 2022-23 के GPDP में अंकित है)परन्तु योजना का कार्यान्वयन कराने हेतु प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी-सह-तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी, पंचायत समिति, फुलवारीशरीफ द्वारा कई बार निदेश दिया गया, उसके बावजूद योजना का कार्यान्वयन नहीं किया गया। इसके अलावा एक ही दुकान मां लक्ष्मी ट्रेडर्स से ही विकास योजनाओं की सामग्री खरीद किए जाने का आरोप है। सरकारी दस्तावेज जो पंचायत भवन या पंचायत सेवक के पास होना चाहिए वह मुखिया अपने निजी आवास में रखती है इसके अलावा ग्राम सभा के बगैर ही कई विकास योजना को पास किया जाता है। इन आरोपों के संबंध में मुखिया गीता देवी का कहना है कि जिस दर पर विकास योजनाओं की सामग्री खरीद की जानी है उसी दर पर मां लक्ष्मी ट्रेडर्स से खरीद की गई एवं पंचायत का दो कमरों का भवन काफी वर्षों से जर्जर है इसके बाद सरकारी अभिलेख दस्तावेज रखना सुरक्षित नहीं है जिसके चलते हुए इसे अपने आवास पर रखते हैं।