हेमंत सरकार अब अखबारों पर रखेगी कड़ी नजर, मॉनिटरिंग पॉर्टल सरकार विरोधी मीडिया के खबरों का हिसाब लेगी

नागेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, दैनिक समाज जागरण, कोल्हान प्रमंडल , झारखंड ।

कोल्हान ( झारखंड ) । हेमंत सरकार की निगाहें अब अखबारों में छपने वाली खबरों पर भी होंगी। राज्य सरकार ने इसके लिए एक पोर्टल तैयार किया है जो मीडिया की मॉनिटरिंग करेगा। सरकार दरअसल यह जानना चाहती है कि किस अखबार में सरकार के खिलाफ कितनी खबरें छपी हैं, सरकार और सरकारी विषयों से जुड़ीं कितनी खबरें छपी हैं। क्या कोई फेक खबर सरकार के खिलाफ भी छपी है। अगर ऐसा है तो सरकार के द्वारा इसका खंडन भी किया जायेगा। पोर्टल पर निगरानी के लिए अधिकारियों को मोर्चे पर लगाया गया है। जिन अधिकारियों को खबरों की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी गयी है, उन्हें इन सबके लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। राज्य सरकार का मानना है विभिन्न विभागों से संबंधित कई फेक समाचार-पत्रों में प्रकाशित होती रहती है। इसको लेकर सरकार के साथ जनता भी असमंजस की स्थिति में रहती है। सरकार के प्रति असमंजस की स्थिति जनता के बीच स्पष्ट होनी चाहिए, इसलिए सरकार ने यह नयी व्यवस्था की है। सरकार का यह भी मानना है कि भ्रामक खबरों से सरकार की छवि भी धूमिल होती है। ऐसी खबरों का खंडन किया जाना जरूरी है और प्रकाशित खबर या रिपोर्ट पर वस्तुस्थिति स्पष्ट किया जाना भी आवश्यकता है और इसकी सूचना निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, झारखंड को उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
बता दें कि केन्द्र सरकार के pib.gov.in पर आप जायेंगे तो वहां, भी आपको एक ऐसा सेक्शन मिलेगा जहां पर मीडिया (समाचार पत्र, चैनल्स, सोशल मीडिया) में तैर रही भ्रामक खबरों का खंडन किया जाता है। किसी खबर को लेकर असमंजस है तो उसे भी स्पष्ट किया जाता है। झारखंड सरकार ने भी ऐसी ही शुरुआत की है। लेकिन झारखंड सरकार का यह प्रयास मीडिया पर निगरानी के तौर पर देखा जा रहा है।