समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ बिहार की राजधानी पटना के गौरीचक इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक व्यक्ति ने अपने परिवार के साथ मिलकर अपनी पत्नी की हत्या कर दी। यह हत्या महज 1.20 लाख रुपये के लिए की गई, जो इंदिरा आवास योजना के तहत महिला को मिले थे। इस निर्मम हत्या का खुलासा तब हुआ जब शनिवार को खेत में महिला का शव बरामद हुआ। मृतका की पहचान नीलम देवी के रूप में हुई है, जो जहानाबाद जिले की रहने वाली थी। उसका विवाह 12 साल पहले मनीष यादव से हुआ था। बताया जाता है कि मनीष और नीलम के बीच शादी के बाद से ही संबंध अच्छे नहीं थे। अक्सर छोटी-छोटी बातों पर दोनों के बीच झगड़े होते थे। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि नीलम पिछले कुछ समय से अपने मायके में रह रही थी। कुछ दिन पहले उसे इंदिरा आवास योजना के तहत 1.20 लाख रुपये मिले थे। जब इस बात की जानकारी उसके पति मनीष को हुई, तो उसने नीलम को बहला-फुसलाकर अपने गांव धनरूआ बुला लिया। वहां उसने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इस जघन्य अपराध की योजना बनाई और मौका मिलते ही नीलम की कनपटी में गोली मारकर हत्या कर दी। मृतका के परिजनों का आरोप है कि मनीष ने पैसों की लालच में इस अपराध को अंजाम दिया। नीलम की बहन सोनू कुमारी ने बताया कि मनीष उसे अपने साथ रखना नहीं चाहता था। पहले भी कई बार दोनों के बीच विवाद सुलझाने की कोशिश की गई थी, लेकिन मनीष का व्यवहार ठीक नहीं था। जब उसे पैसे मिलने की खबर लगी, तो उसने नीलम को बुलाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद से नीलम के तीनों बच्चे – दो बेटियां और एक बेटा लापता हैं। परिजनों को आशंका है कि उनके साथ भी अनहोनी हो सकती है या उन्हें कहीं छिपा दिया गया है। इस मामले में गौरीचक थाना प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि मृतका के परिजनों ने थाने में आवेदन दिया है और पति समेत ससुराल पक्ष के अन्य सदस्यों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल आरोपी फरार हैं, लेकिन पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। यह घटना समाज में बढ़ती लालच और क्रूरता की एक भयावह मिसाल है। महज 1.20 लाख रुपये के लिए एक पति ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी, जो कि बेहद निंदनीय है। इस घटना ने एक बार फिर घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने में जुटी हुई है, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।