सरोवर के बीचों बीच स्थित है जैन धर्म का पवित्र पावापुरी जल मंदिर यहां सबसे पहले लड्डू चढ़ाने के लिए लगती है बोली

दैनिक समाज जागरण मुन्ना पासवान ब्यूरो चीफ नालंदा (बिहार शरीफ)

बिहार का नालंदा जिला बेहद खास है। ये जिला ये जितना पर्यटन के लिए जाना जाता है। उतना ही धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। नालंदा बौद्ध और जैन दोनों धर्मों का पवित्र स्थल है। जैन धर्म की बात करें तो यहां पावापुरी जल मंदिर स्थित है।
नालंदा मुख्यालय से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थति इस मंदिर में हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। दरअसल यहीं पर भगवान महावीर को निर्वाण की प्राप्ति हुई थी।
दिवाली के समय यहां भगवान महावीर की विशेष पूजा की जाती है। इस दौरान हर साल दीपोत्सव में जैन श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। खास बता यह है कि यहां लड्डू चढ़ाने की परंपरा है। जिसके लिए श्वेतांबर और दिगंभर श्रद्धालुओं की अलग-अलग बोली लगती है। जो सबसे अधिक बोली लगाता है उसे सबसे पहले लड्डू चढ़ाने का मौका मिलता है। इस दौरान निर्वाण दिवस के दिन एक किलो से लेकर 51 किलो तक के लड्डू चढ़ाए जाते हैं।

पावापुरी जल मंदिर में महावीर की चरण पादुका रखी गई है। मंदिर के निर्माण को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण उनके भाई राजा नंदीवर्धन ने करवाया था और समय समय पर इसका जीर्णोद्धार होता रहा। सरोवर के बीच में होने के कारण मंदिर तक जाने के लिए 600 फीट तक का लंबा पुल है। वहीं ये मंदिर 16.8 एकड़ में फैला गया। मंदिर के चारों ओर पानी में खिले कमल देखने में बेहद ही खूबसूरत लगते हैं। इस झील में मछलियां और अन्य जलीय जीव भी रहते हैं।

नालंदा के अन्य टूरिस्ट प्लेस

नालंदा में अगर घूमने आ रहे हैं तो पावापुरी जल मंदिर के अलावा अशोक स्तूप, म्यूजियम, ह्नेन त्यांग मेमोरियल और अन्य टूरिस्ट स्पॉट देखने को मिल जाएंगे।

कैसे पहुंचे

पटना से नालंदा की दूरी करीब 90 किलोमीटर है। आपको पटना से बस से मिल जाएगी। इसके अलावा कैब के जरिए भी नालंदा जाया जा सकता है। अगर एयरपोर्ट की बात करें तो यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पटना हवाईअड्डा है।