जिला पदाधिकारी  द्वारा समीक्षात्मक बैठक का आयोजन ।

समीक्षा में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गयी ।

गया (गजेन्द्र कुमार) बैठक में प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा उठाए गए कदम तथा जिला के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में निरंतर विकास कार्यों से अवगत कराया गया। बैठक में सर्वप्रथम पुलिस महा निरीक्षक के द्वारा *राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अध्ययन दल को गया जिले में सुरक्षा संबंधी व्यवस्था के संबंध में पुलिस पदाधिकारी द्वारा किये जा रहे कार्यो से अवगत कराया गया। समीक्षा के दौरान अध्ययन दल द्वारा भी पुलिस महानिरीक्षक एवं जिला पदाधिकारी से विभिन्न प्रश्नों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त किया।        समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने अध्ययन दल के पदाधिकारियों को गया जिला के भौगोलिक स्थिति के साथ साथ सामाजिक और आर्थिक स्थिति के बारे में बताया गया।        ज़िलाधिकारी द्वारा बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे 07 निश्चय योजना के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि 07 निश्चय अंतर्गत हर घर नल का जल के तहत सभी घरों में पानी पहुँचाया जा रहा है।         उन्होंने बताया कि गया जिला के समुचित विकास के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय रखते हुए सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित किया जाता है। सरकार की योजनाओं के सफल संचालन के लिए पदाधिकारियों द्वारा लगातार क्षेत्र भ्रमण करते हुए योजनाओं का शतत रूप से पर्यवेक्षण करवाया जाता है। साथ ही विभिन्न क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान दिए गए फीडबैक के आधार पर आवश्यक कार्रवाई भी किया जाता है।       शिक्षा के संबंध में उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी विद्यालयों में एससीए (SCA) के तहत बच्चों को और बेहतर शिक्षा देने के लिए स्मार्ट क्लास संचालित कराया गया है। इलेक्ट्रिसिटी के साथ-साथ पेजल, टॉयलेट, हैंड वाशिंग यूनिट इत्यादि मूलभूत सुविधाएं भी सभी विद्यालयों में स्थापित करवाए गए हैं। इसके साथ ही सभी शिक्षकों का मासिक रिव्यु बिहार स्कूल ट्रैकिंग ऐप के माध्यम से सि०यार०सी०, बी०आर०सी० एवं बीईओ के स्तर से करवाया जाता है।        हेल्थ एवं न्यूट्रिशन के संबंध में उन्होंने बताया कि वर्तमान में मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से वंडर प्रोग्रामिंग ऐप पर कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के तमाम पदाधिकारियों, चिकित्सकों सहित आंगनवाड़ी वर्कर को भी लगातार ट्रेनिंग दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी में काफी प्रगति आई है, जो पहले 42% थी, जिसे बढ़ाकर 93% किया गया है। 21 नए एल-वन सेंटर निर्माण कराए गए हैं तथा इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी के लिए पर्याप्त उपकरण लगवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 48 आंगनवाड़ी सेंटर को नए तरीके से मॉडल आंगनवाड़ी सेंटर में कन्वर्ट किया जा रहा है तथा सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को और अधिक प्रभावी तरीके से फंक्शनल कराने के उद्देश्य से लगातार ट्रेनिंग भी दिया जा रहा है।       उन्होंने बताया कि गया जिला पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण सूखाग्रस्त क्षेत्र माना जाता है। यहां हर साल गर्मी के मौसम में लगभग सभी पंचायतों में थोड़ी बहुत पानी की समस्या आने की संभावना रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार द्वारा जल जीवन हरियाली योजना लाई गई। जल जीवन हरियाली योजना के आने से गया जिला में 17% ग्राउंड वाटर टेबल सुधार हुआ है। जल स्तर को निरंतर बरकरार रखने के लिए एस०सी०ए० योजना एवं मनरेगा द्वारा लगभग 913 चेक डैम का निर्माण, 17418 शॉकपीट तथा 3038 वाटर बॉडीज का निर्माण कराया गया है। हर वर्ष प्लांटेशन के कार्य में गया जिला पूरे बिहार में अव्वल रहा है। गया जिला के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के सड़कों से लगातार एक टोले से दूसरे टोले के अंतिम बिंदु तक लोगों को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है।    उन्होंने बताया कि गया जिला में पानी की समस्या ना हो जिसके लिए बिहार सरकार द्वारा गंगा जल उद्भव योजना संचालित किया है, जिसके तहत गंगा का पानी राजगीर, गया एवं बोधगया लाया जा रहा है। इसमें प्रॉपर स्टोरेज की व्यवस्था एवं वाटर डिस्ट्रीब्यूशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। लगभग 176 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी पूर्ण हो गया है। इस वर्ष ही गंगा का पानी गया एवं बोधगया लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।        रबर डैम के संबंध में बताया गया कि प्रत्येक साल सितंबर महीने में 15 दिनों का पितृपक्ष मेला आयोजित होता है, जिसमें लाखों अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा विभिन्न राज्यों से पर्यटक आते हैं और कर्मकांड/ पितृ तर्पण करते हैं। गया जिला के फल्गु नदी में तर्पण हेतु पानी उपलब्ध रहे, जिसके लिए रबड़ डैम निर्माण करवाया जा रहा है। रबड़ डैम निर्माण होने से फल्गु नदी के देवघाट में कम से कम 3 फीट पानी पितृपक्ष मेले के दौरान उपलब्ध रहेगा, जिससे पिंडदानियो को पितृ तर्पण में पानी की कोई समस्या नहीं रहेगी।        जीविका के संबंध में जिला पदाधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा नीरा उत्पादन में तेजी से कार्य किया जा रहा है, जिसके लिए जीविका दीदियों द्वारा ताड़ी उत्पादक वाले समूहों के व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें नीरा उत्पादन के लिए ट्रेनिंग के साथ साथ जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे बिहार के गया जिला में ही ताड़ का पेड़ सर्वाधिक है। नीरा उत्पादक वाले सभी व्यक्तियों को जीविकोपार्जन योजना से भी जोड़ा जा रहा है।         इसके उपरांत आगत अतिथियों को पुलिस महानिरीक्षक, जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा स्मृति चिन्ह देते हुए उनको धन्यवाद दिया। राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अध्ययन दल में निम्न पदाधिकारी शामिल थे:-Maj Gen Manoj kumar, SM SDS (Army-lll)*राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, मंत्रालय के अध्ययन दल के पदाधिकारियों को आयुक्त कार्यालय सभाकक्ष में पुलिस महानिरीक्षक, मगध प्र क्षेत्र श्री विनय कुमार, जिला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम, वरीय पुलिस अधीक्षक श्रीमती हरप्रीत कौर सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों द्वारा गया जिला के विकास, ज़िले में समुचित विधि व्यवस्था संधारण, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर विकास सहित अन्य बिंदुओं पर अध्ययन दल पदाधिकारियों को विस्तार से जानकारी दिया गया*बैठक में प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा उठाए गए कदम तथा जिला के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में निरंतर विकास कार्यों से अवगत कराया गया। बैठक में सर्वप्रथम पुलिस महा निरीक्षक के द्वारा *राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अध्ययन दल को गया जिले में सुरक्षा संबंधी व्यवस्था के संबंध में पुलिस पदाधिकारी द्वारा किये जा रहे कार्यो से अवगत कराया गया। समीक्षा के दौरान अध्ययन दल द्वारा भी पुलिस महानिरीक्षक एवं जिला पदाधिकारी से विभिन्न प्रश्नों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त किया। समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने अध्ययन दल के पदाधिकारियों को गया जिला के भौगोलिक स्थिति के साथ साथ सामाजिक और आर्थिक स्थिति के बारे में बताया गया। ज़िलाधिकारी द्वारा बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे 07 निश्चय योजना के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि 07 निश्चय अंतर्गत हर घर नल का जल के तहत सभी घरों में पानी पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गया जिला के समुचित विकास के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय रखते हुए सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित किया जाता है। सरकार की योजनाओं के सफल संचालन के लिए पदाधिकारियों द्वारा लगातार क्षेत्र भ्रमण करते हुए योजनाओं का शतत रूप से पर्यवेक्षण करवाया जाता है। साथ ही विभिन्न क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान दिए गए फीडबैक के आधार पर आवश्यक कार्रवाई भी किया जाता है। शिक्षा के संबंध में उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी विद्यालयों में एससीए (SCA) के तहत बच्चों को और बेहतर शिक्षा देने के लिए स्मार्ट क्लास संचालित कराया गया है। इलेक्ट्रिसिटी के साथ-साथ पेजल, टॉयलेट, हैंड वाशिंग यूनिट इत्यादि मूलभूत सुविधाएं भी सभी विद्यालयों में स्थापित करवाए गए हैं। इसके साथ ही सभी शिक्षकों का मासिक रिव्यु बिहार स्कूल ट्रैकिंग ऐप के माध्यम से सि०यार०सी०, बी०आर०सी० एवं बीईओ के स्तर से करवाया जाता है। हेल्थ एवं न्यूट्रिशन के संबंध में उन्होंने बताया कि वर्तमान में मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से वंडर प्रोग्रामिंग ऐप पर कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के तमाम पदाधिकारियों, चिकित्सकों सहित आंगनवाड़ी वर्कर को भी लगातार ट्रेनिंग दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी में काफी प्रगति आई है, जो पहले 42% थी, जिसे बढ़ाकर 93% किया गया है। 21 नए एल-वन सेंटर निर्माण कराए गए हैं तथा इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी के लिए पर्याप्त उपकरण लगवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 48 आंगनवाड़ी सेंटर को नए तरीके से मॉडल आंगनवाड़ी सेंटर में कन्वर्ट किया जा रहा है तथा सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को और अधिक प्रभावी तरीके से फंक्शनल कराने के उद्देश्य से लगातार ट्रेनिंग भी दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि गया जिला पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण सूखाग्रस्त क्षेत्र माना जाता है। यहां हर साल गर्मी के मौसम में लगभग सभी पंचायतों में थोड़ी बहुत पानी की समस्या आने की संभावना रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार द्वारा जल जीवन हरियाली योजना लाई गई। जल जीवन हरियाली योजना के आने से गया जिला में 17% ग्राउंड वाटर टेबल सुधार हुआ है। जल स्तर को निरंतर बरकरार रखने के लिए एस०सी०ए० योजना एवं मनरेगा द्वारा लगभग 913 चेक डैम का निर्माण, 17418 शॉकपीट तथा 3038 वाटर बॉडीज का निर्माण कराया गया है। हर वर्ष प्लांटेशन के कार्य में गया जिला पूरे बिहार में अव्वल रहा है। गया जिला के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के सड़कों से लगातार एक टोले से दूसरे टोले के अंतिम बिंदु तक लोगों को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि गया जिला में पानी की समस्या ना हो जिसके लिए बिहार सरकार द्वारा गंगा जल उद्भव योजना संचालित किया है, जिसके तहत गंगा का पानी राजगीर, गया एवं बोधगया लाया जा रहा है। इसमें प्रॉपर स्टोरेज की व्यवस्था एवं वाटर डिस्ट्रीब्यूशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। लगभग 176 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी पूर्ण हो गया है। इस वर्ष ही गंगा का पानी गया एवं बोधगया लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। रबर डैम के संबंध में बताया गया कि प्रत्येक साल सितंबर महीने में 15 दिनों का पितृपक्ष मेला आयोजित होता है, जिसमें लाखों अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा विभिन्न राज्यों से पर्यटक आते हैं और कर्मकांड/ पितृ तर्पण करते हैं। गया जिला के फल्गु नदी में तर्पण हेतु पानी उपलब्ध रहे, जिसके लिए रबड़ डैम निर्माण करवाया जा रहा है। रबड़ डैम निर्माण होने से फल्गु नदी के देवघाट में कम से कम तीन फीट पानी पितृपक्ष मेले के दौरान उपलब्ध रहेगा, जिससे पिंडदानियो को पितृ तर्पण में पानी की कोई समस्या नहीं रहेगी। जीविका के संबंध में जिला पदाधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा नीरा उत्पादन में तेजी से कार्य किया जा रहा है, जिसके लिए जीविका दीदियों द्वारा ताड़ी उत्पादक वाले समूहों के व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें नीरा उत्पादन के लिए ट्रेनिंग के साथ साथ जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे बिहार के गया जिला में ही ताड़ का पेड़ सर्वाधिक है। नीरा उत्पादक वाले सभी व्यक्तियों को जीविकोपार्जन योजना से भी जोड़ा जा रहा है।         इसके उपरांत आगत अतिथियों को पुलिस महानिरीक्षक, जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा स्मृति चिन्ह देते हुए उनको धन्यवाद दिया।        राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अध्ययन दल में निम्न पदाधिकारी शामिल थे:-