बागपत : पशु चिकित्सा अधिकारी का ग्रामवासियों ने किया खुलकर विरोध

अस्थाई गौ आश्रय स्थल नैथला में पशु सुरक्षित करने पहुंचे मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी बागपत का ग्राम वासियों ने  खुलकर विरोध किया।क्षमता से अधिक पशु संरक्षित कराने पर आक्रोशित लोगों ने गौशाला पर जमकर हंगामा काटा । हंगामा बढ़ता देख दोनों अधिकारी गौशाला में पशु लेने का आदेश देकर मौके से खिसक लिए।
उल्लेखनीय है कि बागपत विकासखंड क्षेत्र की अस्थाई गौशाला नैथला में क्षमता से अधिक गोवंश रखे गए हैं। क्षमता से अधिक संख्या होने के कारण गोवंश एक दूसरे से लड़कर घायल हो रहे हैं । घायल गोवंश का इलाज करने के लिए चिकित्सक तो है, लेकिन इलाज के लिए गौशाला में पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध नहीं है कड़ाके की ठंड के बीच घायल गौवशो का उपचार होने के बाद भी बहुत समय बाद उन्हें आराम मिल पाता है।  अस्थाई गौ आश्रय  स्थल नैथला की क्षमता 70 गोवंशों को अच्छी तरह से  रखने की है । वर्तमान में अधिकारियों के दबाव के चलते गौशाला में 144 पशु रखे गए हैं । उसे समय स्थिति और विकट हो गई जब एक वाहन बेसहारा पशुओं को लेकर गौ आश्रय स्थल पर पहुंच । दूसरे गांव से गोवंश आने की सूचना मिलते ही दर्जनों की संख्या में ग्रामीण गौशाला पहुंचे और उन्होंने गौशाला में क्षमता से अधिक पशु होने के कारण आए दिन चोटिल होने की जानकारी जिला स्तरीय अधिकारियों को दी। लेकिन मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अरविंद त्रिपाठी  बागपत  व जिला विकास अधिकारी बागपत अखिलेश चौबे ने गौशाला में पशुओं को बैठने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध होने के बावजूद भी गौशाला संचालक को गांधी गांव से आए सात और पशुओं को संरक्षित करने के आदेश दिए। जिस पर ग्रामीणों ने उनका खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया हंगामा बढ़ता देख दोनों अधिकारी गौशाला से खिसक लिए। अधिकारियों के जाने के बाद भी गांव वासियों का विरोध जारी रहा गौशाला ट्रस्ट संचालक संजय अग्रवाल ने गांव वासियों को समझा बुझाकर  पशुओं को गौशाला में संरक्षित कर लिया है

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