पटना पुलिस ने किया मोबाइल चोर सरगना को गिरफ्तार

समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश

पटना/ जिले के जक्कनपुर थाने की पुलिस ने मोबाइल चोरी करने के बाद यूपीआई के माध्यम से खातों से पैसे निकालने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी की पहचान राहुल के रूप में की है, जो इस पूरे गैंग का सरगना बताया जा रहा है। पुलिस ने उसके पास से पांच मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। जक्कनपुर थानेदार ऋतुराज सिंह ने बताया कि एक शिकायत के आधार पर जब जांच शुरू की गई तो राहुल का नाम सामने आया। पूछताछ के दौरान राहुल ने यह स्वीकार किया कि वह और उसके साथी पहले मोबाइल चोरी करते थे, फिर उन मोबाइलों से यूपीआई एप का इस्तेमाल कर खातों से पैसे ट्रांसफर कर लेते थे। राहुल और उसके गिरोह के सदस्य मोबाइल चोरी करने के बाद सबसे पहले यह जांचते थे कि क्या मोबाइल अनलॉक है। यदि मोबाइल लॉक नहीं होता था, तो उसमें मौजूद यूपीआई एप को खोलकर सीधे खाते की जानकारी निकालते और ट्रांजेक्शन कर लेते थे। यदि मोबाइल लॉक होता था तो वे तकनीकी मदद लेकर उसे अनलॉक करवाते या फिर अन्य साथियों की मदद से पासवर्ड तोड़ने की कोशिश करते थे। उनके इस काम में तकनीकी जानकार लोगों की भूमिका भी सामने आ सकती है, जिसकी जांच चल रही है। इस पूरे गिरोह की एक और चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है कि ये लोग बच्चों का इस्तेमाल भी अपने काम में कर रहे थे। कई बार मोबाइल चोरी करवाई जाती थी या फिर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए नाबालिगों की मदद ली जाती थी ताकि शक न हो। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इन बच्चों को कैसे बहलाया या फंसाया गया और क्या उनके परिवार को इस बात की जानकारी थी। पुलिस के मुताबिक राहुल पहले भी इसी तरह के अपराधों में जेल जा चुका है। उसकी पुरानी आपराधिक पृष्ठभूमि है। गिरफ्तार होने के बाद उसने अपने अन्य साथियों के नाम भी पुलिस को बताए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। यह पूरा गिरोह शहर में कई जगह सक्रिय था और अलग-अलग इलाकों से मोबाइल चोरी कर पूरे नेटवर्क के जरिए पैसों की हेराफेरी कर रहा था। इस मामले के सामने आने के बाद पटना पुलिस ने साइबर अपराध से जुड़े मामलों में सतर्कता बढ़ा दी है। जक्कनपुर थाना क्षेत्र में लगातार हो रही मोबाइल चोरी की घटनाओं के बाद यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस अब उन खातों और ट्रांजेक्शनों की भी जांच कर रही है जिनके माध्यम से पैसे की हेराफेरी की गई। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि चोरी के मोबाइल कहां बेचे जा रहे थे और क्या इसमें किसी दुकानदार की भी संलिप्तता थी। यह मामला यह दर्शाता है कि कैसे तकनीक का दुरुपयोग कर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। यूपीआई और डिजिटल ट्रांजेक्शन के इस दौर में मोबाइल चोरी अब केवल फोन तक सीमित नहीं रही, बल्कि उससे जुड़ा डेटा भी खतरे में पड़ जाता है। ऐसे में लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है और अपने मोबाइल की सुरक्षा के साथ-साथ डिजिटल एप्स को भी मजबूत पासवर्ड से सुरक्षित रखना चाहिए।

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