संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू के आह्वान पर विगत दिवस 16 अक्टूबर से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी जायज एवं कानूनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा था । इस दरम्यान 22 एवं 23 अक्टूबर को 35-40 किलोमीटर की दूरी तमाम प्रकार के कठिनाइयों भरा पदयात्रा कर मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश सरकार के नाम से संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा था ।
दिनांक 27 अक्टूबर को जिला प्रशासन की ओर से डीएसपी श्री आर एन ठाकुर धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियो को आश्वासन दिया था कि 28 अक्टूबर को त्रिपक्षी वार्ता आयोजित कर समस्याओं का निराकरण करवाया जाएगा । जिससे सैकड़ो के तादाद में उत्साहित किसान,मजदूर एवं महिलाएं 28 अक्टूबर को इंतजार करते रहे कि अब उसके दुःख की घड़ी का आखिरी समय नजदीक आ गया है,किंतु त्रिपक्षी वार्ता आयोजित नहीं करवाया गया और ना ही समस्याओं का समाधान करवाया गया ।
उल्लेखनीय है कि किसान मजदूर एवं महिलाएं लगातार पुनर्वास नीति को लागू करवाए जाने तथा श्रम कानून से संबंधित सुविधाएं दिलाए जाने की मांग करते रहे हैं किंतु मोजर बेयर पावर प्लांट के प्रबंधन एवं प्रशासन के मिली भगत से किसान , मजदूर तथा महिलाओं को अपनी जायज एवं कानूनी हकों से वंचित होना पड़ रहा है । एक बार पुनः किसान मजदूर एवं महिलाओं की उम्मीद तब बनी जब जिला प्रशासन के अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जैतहरी के द्वारा 4 नवंबर को पत्र जारी कर 14 नवंबर को त्रिपक्षी वार्ता आयोजित कर समस्याओं का निराकरण करवाए जाने हेतु लिखित पत्राचार किया था। किंतु पुनः सैकड़ो के तादाद में अपनी समस्याओं का निराकरण के लिए टकटकी निगाह लगाए किसान मजदूर एवं महिलाएं,अपने आप को ठगा महसूस किया जब त्रिपक्षी वार्ता के लिए मोजर बेयर पावर प्लांट के प्रबंधन नहीं आए । सवाल उठता है कि किसान मजदूर एवं महिलाएं अपनी समस्याओं का निराकरण करवाए जाने के लिए जाए तो जाए कहां , और उसकी जायज एवं कानूनी हकों के रक्षा कौन करेगा , कहां से होगी किसान मजदूर एवं महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, आखिर औद्योगिक विवादों को बढ़ावा देने में क्या फायदा होगा, इन तमाम प्रकार के सवाल उत्पन्न हो रहें हैं।
उक्त आशय की जानकारी संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू के अध्यक्ष कामरेड जुगुल किशोर राठौर ने देते हुए बताया कि संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू जैतहरी, संयुक्त ट्रेड यूनियन एवं संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर दिनांक 26 नवंबर को जिला मुख्यालय अनूपपुर में प्रदर्शन करेगी एवं 15 दिसम्बर के बाद एक बार पुनः जैतहरी से पदयात्रा कर संभागायुक्त कार्यालय संभाग शहडोल के समक्ष डेरा डालो घेरा-डालो आंदोलन चलाने का संकल्प लिया है।