प्राकृतिक खेती पर कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित NFLका प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न….शामिल हुए कृषक और अधिकारी.




समाज जागरण संवाददाता विवेक देशमुख


बिलासपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर में नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में कृषक प्रशिक्षण का आयोजन हुआ, जिसमे एनएफएल के अधिकारियों के साथ ५० कृषको ने भाग लिया। सीनियर वैज्ञानिक व प्रमुख डा. एसपी सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित इस प्रशिक्षण में प्राकृतिक खेती और पोषक अनाज उपयोगिता विषय पर परिचर्चा हुई। केन्द्र मे आयोजित इस एक दिवसीय प्रशिक्षण के मुख्य अतिथि ओमपाल गुप्ता राज्य प्रबंधक (सीजी ) एन. एफ एल ने अपने उद्बोधन में कहा की एनएफएल का उत्पाद PDM जो बायो पोटाश है मिट्टी की कंडिशनिंग करता है यह
मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ाता, मिट्टी मे एरिएशन का बैक्टीरिया को भोजन प्रदान करता है। अंतराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के अवसर पर श्री गुप्ता ने कृषको को अधिक मात्रा में पोषक अनाज का उत्पादन करने व उसे आहार मे सम्मिलित करने के लिये कृषको को प्रेरित किया…वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डा.एस.पी. सिंह ने अपनी अभिव्यति
देते हुए बताया कि प्राकृतिक खेती ऋषि खेती है जिससे कृषको को गुणवत्तापूर्ण, पौष्टिक व स्वरूटा अनाज प्राप्त होता है। इस अवसर पर केन्द्र की वैज्ञानिक डा. शिल्पा कौशिक ने कृषको को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत जीवामृत , बीजामृत, घनजीवामृत, ब्रम्हास्त्र नीमास्त्र बनाने की
जानकारी प्रदान की। एनएफ एल के क्षेत्र प्रभारी विश्वजीत मोदक ने एन एफ पल के उत्पादो को जानकारी प्रदान की। श्री जयन्त साहू ने कृषको को बीजोपचार का महत्व बताया। डा. निवेदिता पाठक मे कृषको को पोषक धान्य की उपयोगिता मे बतलाया की ये धान्य फसले मधुमेह 1-2 प्रकार, मोटापे से बचाव, हृदयरोग के लिए लाभप्रद होते है क्योकि ये पोषक तत्वों से भरपूर फाइबर युक्त होते है…एनएफएल के अधिकारी एसपी पाटिल और पंकज मिंज ने प्राकृतिक खेती कृषि जीरो विंडिला सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील के विषय में जानकारी प्रदान करते हुये धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषको ने उत्साहपूर्वक भाग लिया…वही डा. अमित शुक्ला ने इस अवसर पर प्राकृतिक विधि से सब्जियों की खेती के विषय मे विस्तृत जानकारी प्रदान की….वही कृषको को अंत में बैंटो नाइट सल्फर और पीएसबी कल्चर वितरण किया गया साथ ही मस्तूरी और बिल्हा के कृषको को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्राकृतिक खेती के लिए 200.लीटर का ड्रम,गुड़ और बेसन दिया गया..