ढाई वर्षी मासूम के जीवन से झोलाछाप डॉक्टर ने किया खिलवाड़, गलत इंजेक्शन लगाने से बिगड़ी मासूम की हालत

परिजनों ने आनन-फानन में कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया भर्ती

कोतमा। कोतमा सहित कोयलांचल क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर और बीएएमएस धारी डॉक्टर का मकड़जाल इस तरह फैला हुआ है भोली भाली ग्रामीण और आदिवासी जनता झोलाछाप डॉक्टर के बहकावे में आकर अपनी जान डॉक्टर को भगवान समझ कर सौंप देते हैं और जानकारी और अनुभव विहीन डॉक्टरों द्वारा हाई पावर की इंजेक्शन और एलोपैथिक इलाज कर मरीजों की जान जो की में डाली जा रही है। कोतमा में हाल ही में ऐसे दो मामले सामने आए जिससे गलत इलाज हो जाने के कारण मरीजों की जान आफत में पड़ गई। आनन फानन में कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों को भर्ती कराया गया। कोतमा में घर में फर्जी तरीके से प्रेक्टिस करने वाले तथा कथित डॉक्टर आरपी शुक्ला ने बदरा में निवास करने वाले सुदामा केवट के ढाई वर्षीय नाती को दस्त और उल्टी की शिकायत होने पर गलत इंजेक्शन लगा दिया जिससे ढाई बरसी मासूम की हालत बिगड़ गई तड़पते हुए मासूम को कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया गया जहां शासकीय अस्पताल में डॉक्टरों के इलाज से बच्चों की जान बच सकी। इसके पूर्व अपने ही मोहल्ले में निवास करने वाली मंजूषा नामदेव को गलत इलाज और गलत इंजेक्शन देने के कारण मंजूषा नामदेव की हालत खराब हो गई थी जिसे 5 दिन कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और उसके बाद रीवा के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। यह कोई पहला या दूसरा मामला नहीं है इससे पहले भी कई मामले डॉक्टर साहब के सामने आए लेकिन मैनेजमेंट के कारण किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो पाई है।

होम्योपैथिक की डिग्री कर रहा एलोपैथिक इलाज

जिलेभर में ऐसे कई डॉक्टर हैं जिनके द्वारा बीएएमएस की डिग्री हासिल कर प्रैक्टिस के नाम पर धड़ल्ले से एलोपैथिक इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा होम्योपैथिक डॉक्टर को जिन दवाइयां का इस्तेमाल करने की पाबंदी लगा रखी है उन दवाइयां का इस्तेमाल होम्योपैथिक प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टरों द्वारा बेखौफ किया जा रहा है। कोतमा ब्लाक अंतर्गत दो दर्जन से ज्यादा डॉक्टर बीएएमएस की डिग्री रखकर एलोपैथिक इलाज कर रहे हैं, वही गलत इलाज कर देने से मरीजों की जान आफत में पड़ जाती है। अपने स्वार्थ के लिए मरीजों की और मासूमों की जान जोखिम में डालकर झोलाछाप डॉक्टर द्वारा बेखौफ एलोपैथिक इलाज किया जा रहा है उक्त मामले सामने आने पर भी कोतमा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही हैं जो कि संदेह के घेरे में है।

गलत इलाज से मासूम और मंजूषा की जिंदगी लगी दाव पर

कोतमा वार्ड क्रमांक 7 बूढ़ी माता मंदिर में निवास करने वाली मंजूषा नामदेव और बदरा में निवास करने वाली ढाई बरसी मासूम गलत इलाज के कारण मौत के मुंह तक पहुंच गए, गलत इलाज से हालत इतनी खराब हो गई की आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। कुछ दिन पूर्व मंजूषा को टाइफाइड की शिकायत होने से मोहल्ले में ही प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टर आर पी शुक्ला से परामर्श लेने और इलाज करने पहुची जहां गलत इंजेक्शन से मंजूषा की हालत खराब हो गई जिसे 5 दिन तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा में भर्ती कराया गया इसके बाद स्थिति न सुधरने पर रीवा मेडिकल कॉलेज से मंजूषा ने अपना इलाज कराया कई हफ्ते बीतने के बाद भी स्थिति अभी दयनीय बनी हुई है, वही ताजा मामला ढाई वर्ष के मासूम को गलत इंजेक्शन लगाने का सामने आया है जिस हालत खराब होने पर उसके परिजनों ने कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया गया जहां डॉक्टर ने उसका इलाज कर बच्चों की जान बचाई है सबूत और गवाह होने के बाद भी अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही उक्त फर्जी डॉक्टर के ऊपर नहीं हुई है जिससे उक्त डॉक्टर के हौसले बुलंद हैं।

स्वास्थ्य विभाग को चलना चाहिए फर्जी डॉक्टर के खिलाफ अभियान

कोतमा सहित कोयलांचल क्षेत्र में फर्जी डॉक्टरों की भरमार पड़ी है जिनके खिलाफ विभाग को विभागीय और कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए और ऐसे डॉक्टरों का क्लीनिक प्रेक्टिस कार्यालय सील कर देना चाहिए लेकिन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के मैनेजमेंट के कारण किसी प्रकार की कार्यवाही कोतमा कोयलांचल क्षेत्र में नहीं हो पा रही हैं जिससे झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद है जल्द ही किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई तो किसी न किसी कोई ना कोई कल के गाल में समा जाएगा।

इनका कहना है।

शिकायत मिलने पर जांच करने पहुंचा था, जहां डॉक्टर के पास एलोपैथिक दवाइयां पाई गई है फिलहाल चेतावनी और समझाइए दी गई है कि क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन करा कर होम्योपैथिक इलाज किया जावे।

डॉ आरके वर्मा, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कोतमा

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