दुखद खबरः नहीं रहे बी. आर.ए.बी.यू. मुजफ्फरपुर के रिटायर्ड स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के प्रो. डा.सच्चिदानंद चौधरी

उनके पैतृक गांव बेलाही में हुआ अंतिम संस्कार, निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर

सतलोक वासी सच्चिदा बाबू अपने पीछे छोड़ गए भरा पूरा परिवार

बिहारीगंज/मुजफ्फरपुर ।

शिक्षा जगत में मधेपुरा जिला का नाम रोशन करने वाले बिहारीगंज प्रखंड के चौधरी नगर निवासी बाबू स्मृति शेष कुलानंद चौधरी के सबसे बड़े पुत्र बी. आर.ए.बी.यू. मुजफ्फरपुर के रिटायर्ड स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के प्रो. डा.सच्चिदानंद चौधरी इस आसार संसार को छोड़ कर परलोकवासी हो गए। उनका निधन मुजफ्फरपुर के एक निजी नर्सिंग होम में हुआ। उनके निधन की खबर से सूबे के शिक्षाविदों के बीच शोक की लहर दौर गई। उनके पार्थिव शरीर को देखने मुजफ्फरपुर में जहां भीड़ उमड़ गई वहीं छात्र छात्राओं ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया।
उनके पार्थिव शरीर को पंच तत्व में लीन करने हेतु उनके पैतृक गांव मधेपुरा जिला के बेलाही गांव लाया गया जहां उनके ज्येष्ठ पुत्र ई. सलिल कुमार चौधरी ने उन्हें मुखाग्नि दी।
बताते चलें कि स्वर्गीय कुलानंद चौधरी के चार सुपुत्र में तीन पुत्र प्रोफ़ेसर थे और एक पुत्र समाजसेवी सह वरीय किसान हैं।
मृतक सच्चिदानंद चौधरी अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्र एक पुत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।उनके ज्येष्ठ पुत्र सलिल कुमार चौधरी झा इंजीनियर हैं तो एक पुत्र बैंक पीओ एवम सभी पुत्र जॉब में हैं। बताते चलें कि प्रो. डॉ. सच्चिदानंद चौधरी गांव से अपनी पढ़ाई समाप्त कर विश्वविद्यालय में गोल्ड मेडल लेने के बाद कॉलेज में प्राध्यापक बने । इतिहास के प्राध्यापक रूप में सरलता पूर्वक विषय को पढ़ाना और समझाना उनका एक सहज स्वभाव था।
उनके निधन पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति,मंत्री,कुलसचिव प्राध्यापक के साथ बड़ी संख्या में शिक्षाविदों , शोधार्थियों, छात्र छात्राओं ने शोक संवेदना व्यक्त की है।

ईश्वर दिवंगत आत्मा को दे शांति और परिजन को सहनशक्ति: डा. अशोक कुमार

श्री कृष्णा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अशोक कुमार ने कहा जाने-माने विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. सच्चिदा बाबू शिक्षक के साथ-साथ डॉ. गोयल समाज सेवक एवं लेखक थे।
डॉ. चौधरी को समाज सेवा और शिक्षण क्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान के लिए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनके अंतर्गत कई शोधार्थियों ने पीएच. डी की उपाधि ली। इनके निधन पर भाई प्रो. सुदेश्वर चौधरी, ज्योतिष चंद्र चौधरी,प्रो. डा.अमरनाथ चौधरी जहां मर्माहत हैं वहीं प्रो. के एस ओझा, डा. रूद्र किंकर आदि ने कहा कि उनके निधन से कोसी और मिथिलांचल ने एक बड़े विद्वान को खो दिया। ग्रामीणों ने भी उनकी निधन पर शोक व्यक्त किया है।