सावन बीत गयी पर हरियाली नही छाई:- जर्नलिस्ट वेद प्रकाश

समाज जागरण संवाददाता:- वेद प्रकाश पालीगंज अनुमंडल

पालीगंज/ दिन गुजरते गया, वर्षों बीतते गयी। सावन भी बीत गया पर सुखी धरती पर हरियाली नही छाई। वजह यह रही की बादल छाई पर पानी की बूंदे धरती पर नही गिरी। लोग पूजा किये, मन्नते मांगी, आरजू किया लेकिन देवताओं तथा ईश्वर की कृपा दृष्टि इस इलाके पर नही पड़ी। मजबूर लोगो को ईश्वर व देवताओं से विश्वास उठ गई तो उन्होंने उनकी पूजा का बहिष्कार कर दिया लेकिन स्थिति यथावत बनी रही। आज भी इस इलाके के लोग आशापूर्ण नजरो से टकटकी लगाए बादलो की ओर देखने को मजबूर है। देवताओ तथा ईश्वर की कृपा वही हुई जहां हरियाली छाई रही। यह कोई साहित्य की भाषा नही बल्कि राजनीति की भाषा है। यह स्थिति कही और कि नही बल्कि पाटलीपुत्रा लोकसभा क्षेत्र की है। जिसके अन्तर्गय पालीगंज विधानसभा क्षेत्र के दक्षिणी इलाके की है। जहां के लोग आज भी ब्रिटिश हुकूमत के जमाने की सड़क निर्माण होने की आशा देख रहे है। बात दरअसल यह है कि पालीगंज के दक्षिणी इलाके को जोड़नेवाली एक ब्रिटिश हुकूमत की सबसे पुरानी सड़क है जो पालीगंज डीहपालिगंज से निकलकर निरखपुर गौसगंज होते हुए किंजर के पास जहानाबाद जिला व अरवल जीका को जोड़नेवाली मुख्य सड़क से मिलती है। इसकी अपनी निजी जमीन भी है। लेकिन दिन गुजरते गया, वर्षो बीतते गया, कई लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव व पंचायती चुनाव बीतते गया पर किसी ने इसकी निर्माण कार्य पर ध्यान नही दिया। इस इलाके के ग्रामीणों ने नेताओ से आग्रह किया, मत देने की वादा किया। इसी मुद्दे पर आश्वाशन देनेवाले नेताओ के पक्ष में मतदान भी किया। लेकिन चुनाव समाप्त होने के बाद किसी नेताओ ने इसकी सुधि तक नही लिया। मजबूर होकर अपनी मांगों को रखते हुए निरखपुर व सिद्धिपूर सहित कई टोलो के मतदाताओं ने देश के सबसे बड़ा पर्व बीते विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान का बहिष्कार भी किया। बहुत से अधिकारी मतदाताओं से मिलकर उनकी मांग पूरी करने का आश्वाशन दिया लेकिन बाद में सभी भूल गया। यहां तक कि जनता की सुधि भी लेने नही पहुंचा। पदाधिकारियों का क्या कहना लोकतंत्र के देवता समान नेताओ ने भी अपनी भक्तो समान जनता व मतदाताओं की मांगों पर कोई ध्यान नही दिया। जब जब चुनाव का समय आती है इसकी चर्चाएं जोरो पर होती है लेकिन चुनाव समाप्त होते ही सभी चर्चाएं गुम हो जाती है। अभी पूरे देश मे लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार मनाई जा रही है। कड़ी शुरक्षा के बीच स्वच्छ लोक तंत्र के निर्माण के लिए मतदान कराई जा रही है। इसी क्रम में 1 जून को अंतिम चरण के दौरान पाटलीपुत्रा लोकसभा में भी मतदान कराई जाएगी। जहां अभी से ही नेताओ व कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को तरह तरह के लोभ प्रलोभन देकर तथा विभिन्न प्रकार के वादे कर रिझाने में जुटे है। रोचक बातें यह है कि इस इलाके में इंडिया गठबंधन से डॉ. मीसा भारती तो एनडीए से वर्तमान सांसद रामकृपाल यादव चुनाव मैदान में है। ये दोनों प्रत्यासी पिछले दो लोकसभा चुनाव से एक दूसरे के विपक्ष में चुनाव लड़ते आ रहे है। पिछले दोनो चुनावों में रामकृपाल यादव ने चुनाव में जीत हासिल किया है। वही तीसरी बार भी दोनो एक दूसरे के प्रतिद्वंदी के रूप में आमने सामने है। किसकी जीत होगी यह कहना मुश्किल है। लेकिन सड़क निर्माण कराने की मांग करनेवाले ग्रामीण जनता आज भी मायूस है। ग्रामीणों का कहना है कि मीसा भारती कभी चुनाव के बाद इलाके में दिखाई नही देती है। जीते हुए सांसद रामकृपाल यादव इलाके में दिखाई तो देते है लेकिन आजतक सड़क निर्माण कार्य कराने में असफल रहे है। वे मायूस व निराश ग्रामीण जनता व मतदाता आज भी यह आस लिए बैठे है कि कोई तो ऐसा जन प्रतिनिधि होंगे जो हमसभी की मांग पूरी करेगा। देश व राज्य को विकसित करने की वादा करनेवालों नेताओ व राजनेताओं को कभी तो इस ओर ध्यान पड़ेगी अर्थात कभी तो ईस इलाके में सावन की बूंदे बरसेगी। जिस इलाके का निकास की समुचित व्यवस्था नही है उसका विकास कहां तक सम्भव है? यह सोचते हुए आज सड़क निर्माण कराए जाने की उम्मीद के साथ यहां की जनता टकटकी लगाए बैठी है।