(दिल्ली फीस रेगुलेशन बिल 2025 के विरोध में राष्ट्रव्यापी जनजागरण)*
*प्रिय देशवासियों, अभिभावकों, युवाओं, समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों,*
आज हम आपसे एक संगठन के प्रतिनिधि के रूप में नहीं, बल्कि एक अभिभावक, एक नागरिक और एक संवेदनशील भारतीय के रूप में बात कर रहे हैं। दिल्ली में प्रस्तावित *स्कूल फीस विनियमन विधेयक 2025* (दिल्ली स्कूल एजुकेशन – शुल्क निर्धारण और पारदर्शिता विधेयक) ऐसे समय में लाया जा रहा है जब *देश के सबसे बड़े हितधारक – अभिभावकों* से कोई सलाह-मशविरा नहीं लिया गया है।
यह न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन है, बल्कि *हर उस भारतीय के अधिकारों पर आघात है, जो अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष कर रहा है।* आज यह दिल्ली में हुआ है, कल यह पूरे भारत के शिक्षा तंत्र को प्रभावित कर सकता है।
*इसके लिए आप सभी अपना विरोध प्रकट करने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कानून मंत्री, दिल्ली मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, शिक्षा मंत्री, गृह मंत्री, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष, सचिव, और दिल्ली विपक्ष के नेताओं (LoP) को पत्र भेजे, ताकि इस बिल को तत्काल स्थगित किया जाए और अभिभावकों की राय लिए बिना कोई भी निर्णय न लिया जाए और अगर ऐसा नहीं होता हे तो हम एक बड़े आंदोलन का आह्वाहन करेंगे।*
*⚠️ यह केवल एक दिल्ली का मुद्दा नहीं है — यह एक राष्ट्रव्यापी चेतावनी है।*
*यदि आज चुप रहे, तो कल देश के किसी भी कोने में बच्चों की शिक्षा से जुड़ा कोई भी फैसला आपकी राय के बिना ले लिया जाएगा।*
क्या आप चाहते हैं कि स्कूल अपनी मर्जी से फीस बढ़ाएं?
क्या आप चाहते हैं कि अभिभावकों की आवाज़ बिना सुने दबा दी जाए?
क्या आप चाहते हैं कि नीति सिर्फ कागजों में पारदर्शी हो, लेकिन ज़मीनी स्तर पर नहीं?
*यदि नहीं — तो अभी समय है आवाज़ उठाने का।*
*📢 हम सभी भारतवासियों से अपील करते हैं:*
✅ इस आंदोलन से जुड़ें — एक अभिभावक के नाते, एक नागरिक के नाते, एक देशभक्त के नाते।
✅ अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को पत्र भेजें और इस विषय में अपनी आपत्ति दर्ज करें।
✅ इस अपील को व्हाट्सएप, सोशल मीडिया, अभिभावक समूहों और स्कूल कम्युनिटी में साझा करें।
✅ पेरेंट्स एसोसिएशन बनाएं या उनसे जुड़ें और जनसुनवाइयों में भाग लें।
✅ हर परिवार को जागरूक करें — यह केवल आपके बच्चों का नहीं, पूरे देश के भविष्य का सवाल है।
