श्रीराम का वन गमन धर्म एवं मर्यादा की रक्षा के लिए हुआ: रमाशंकर व्यास



दैनिक समाज जागरण
जमालपुर(मीरजापुर)
क्षेत्र के बहुआर गांव में आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा की चतुर्थ दिन शुक्रवार की देर शाम बैजनाथ धाम हिमाचल प्रदेश से आए कथा व्यास रामशंकर महाराज ने राम वन गमन,कैकेई कोप एवं केवट प्रसंग की कथा सुनाई।
अयोध्या में श्रीराम के राज्याभिषेक की घोषणा के बाद खुशी का माहौल था।मंथरा के बहकावे में आकर कैकेई कोपभवन में चली गई। दशरथ के कारण पूछने पर कैकेई ने दो वरदान के रूप में श्रीराम को वनवास एवं भरत को राज्य मांग लिया।पिता के बात का मान रखने के लिए श्रीराम सीता एवं लक्ष्मण के साथ वन के लिए प्रस्थान किया। भगवान श्रीराम का वन गमन ही वह प्रसंग है जो श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाने का प्रथम चरण है।केवट ने प्रभु श्रीराम माता सीता एवं लक्ष्मण को अपनी नाव से नदी पार कराया। श्रीराम कथा श्रवण से मनुष्य का जीवन सुखमय हो जाता है।
  श्रीराम वनगमन की कथा सुन श्रोता भावुक हो गए।जयश्रीराम के जयघोष से पांडाल गुंजायमान हो उठा।इस दौरान रवि प्रकाश त्रिपाठी,अवधेश सिंह, सरिता तिवारी,मनोज सिंह,राधेश्याम तिवारी,ज्ञानधर तिवारी, जंगबहादुर सिंह,विजेंद्र प्रताप सिंह, बृजनाथ चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।