पहलवानों के ‘दंगल’ पर आया खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान, कहा- धरना खत्म करें, जांच पूरी होने दें

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने धरना खत्म करने का अनुरोध किया है. खेला इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का उद्घाटन करने लखनऊ पहुंचे अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मेरा अनुरोध है कि उनकी जो भी मांगें थीं, उनको लगातार पूरा किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना निर्णय दिया है. अब उन्हें अपना धरना खत्म कर देना चाहिए.’

केंद्रीय खेल मंत्री ने कहा, ‘कई एथलीट्स के ऊपर ट्रेनिंग से लेकर तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के लिए 2 करोड़, 2.5 करोड़, 3 करोड़ खर्च किए गए. जहां तक इन खिलाड़ियों की मांगों की बात है, इन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष पद का निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की थी, अब वह भी हो रहा है, मैरी कॉम की अध्यक्षता में ​कमिटी गठित की गई है. साथ में इन्होंने एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, तो दिल्ली पुलिस ने वह भी कर दिया है. वे दिल्ली पुलिस को मामले में निष्पक्ष जांच पूरी करने दें. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ पुलिस कानून सम्मत कार्रवाई भी करेगी.

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और यूपी के कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण ​शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों इस साल जनवरी में पहली बार जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था. तब खेल मंत्रालय ने बृहभूषण के खिलाफ पहलवानों के आरोपों की जांच के लिए पीटी उषा के नेतृत्व में एक निगरानी समिति का गठन किया था, जिसमें एमसी मैरीकॉम भी सदस्य के रूप में शामिल थीं. निगरानी समिति की रिपोर्ट आने से पहले ही पहलवानों ने फिर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. उन्होंने डब्ल्यूएफआई चीफ के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर एक्शन की मांगी की थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें एक पॉक्सो एक्ट के तहत है.

इस बीच धरने पर बैठे पहलवानों को लेकर अपने ताजा बयान में बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि उन्हें किसी से द्वेष नहीं है. उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, ‘जिसका जैसा स्वभाव होता है, वह वैसा ही आचरण करता है. मेरा स्वभाव मानव और समाज कल्याण का है. बच्चों का भविष्य सुधारना है. मुझे अदालत और न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है. पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है, उसके लिए धन्यवाद.’ उन्होंने रहीम का एक दोहा पढ़ा, ‘छमा बड़न को चाहिये, छोटन को उतपात. कह रहीम हरि का घट्यौ, जो भृगु मारी लात