इबादत की रात होती है “शब-ए -बारात” गुनाहों से की जाती है तौबा, इबादत करने वाले लोगों के सारे गुनाह हो जाते हैं माफ

संवाददाता आनन्द कुमार।दैनिक समाज जागरण दुद्धी/ सोनभद्र। इस्लाम धर्म में रमजान की तरह ही माहे-ए- -शाबान…