बिल्ली रेलवे स्टेशन के आसपास के रहवासियों ने रेलवे प्रशासन के सामने रखी समस्याएं

संवाददाता शिव प्रताप सिंह। दैनिक समाज जागरण

ओबरा/ सोनभद्र। तहसील ओबरा क्षेत्र के अंतर्गत बिल्ली रेलवे स्टेशन पर व्याप्त घोर अंधेरा, विकलांग शौचालय का अधूरा निर्माण कार्य, पीने के पानी की अनुपलब्धता और सामान्य शौचालयों पर ताला लगे रहने से यात्रियों और स्थानीय लोगों का जीवन दूभर हो गया है। स्टेशन के कुछ हिस्सों में नाममात्र की रोशनी है, जबकि उत्तरी दिशा के कई महत्वपूर्ण क्षेत्र अंधकार में डूबे रहते हैं। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा क्षेत्र स्थित बिल्ली रेलवे स्टेशन की यह गंभीर समस्या यात्रियों के लिए कष्ट का कारण बनी हुई है। उचित प्रकाश व्यवस्था न होने के कारण बिल्ली रेलवे स्टेशन असामाजिक तत्वों और नशाखोरों का सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, अंधेरे का फायदा उठाकर स्टेशन से कोयला चोरी की घटनाएं भी आम हो गई हैं, जिससे रेलवे को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।इसके अतिरिक्त, विल्ली स्टेशन पर महिला और पुरुष यात्रियों के लिए बने सामान्य शौचालयों पर अक्सर ताला लटका रहता है, जिससे यात्रियों को खुले में शौच आदि के लिए मजबूर होना पड़ता है। स्टेशन पर पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है, जिससे यात्रियों, खासकर गर्मी के मौसम में, भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विल्ली स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या दो और तीन पर जब यात्री उतरते हैं, तो पूरे स्टेशन पर अंधेरा छाया रहता है, जिससे यात्रियों को अपने सामान की सुरक्षा की चिंता सताती रहती है। साथ ही, जंगली जानवरों और विषैले जीवों का खतरा भी मंडराता रहता है। शौचालय की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद, उनमें ताला लगे रहने और पानी की कमी के कारण यात्रियों को खुले में शौच करने और प्यासे रहने के लिए विवश होना पड़ता है, जो स्वच्छता, स्वास्थ्य और मानवीय गरिमा के विरुद्ध है।
स्थानीय नागरिकों और यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देने और ठोस कार्रवाई करने की पुरजोर गुहार लगाई है। उनकी प्रमुख मांगें हैं कि स्टेशन पर पर्याप्त और प्रभावी प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, अधूरे पड़े विकलांग शौचालय के निर्माण कार्य को तुरंत पूरा किया जाए, सामान्य शौचालयों से ताले हटाए जाएं और स्टेशन पर पीने के पानी की सुलभ व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जाए ताकि अंधेरे के कारण बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके और यात्रियों को एक सुरक्षित एवं सुविधाजनक वातावरण मिल सके।

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