Balaghat News: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयदशमी हर्षोल्लास से मनाया गया

अस्र शस्त्र की पूजा कर सुख शांति के लिए की गई कामना

समाज जागरण/शिवशंकर पाण्डेय जिला ब्यूरो

बालाघाट।(06अक्टूबर)मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन व रावण दहन कर पूरे जिले में विजय दशमी हर्षोल्लास से मनाई गई।बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा पूरे देश मे बहुत धूमधाम से मनाया गया।दशहरा यानी विजयदशमी के दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर अपने भक्तों की रक्षा कर दुष्टों को चेतावनी दिया था कि जब जब अत्याचार बढ़ेगा तब तब उनका संहार करने के लिए वे स्वयं आकर दुष्टों का संहार करेंगी।रावण के साथ भगवान राम का नौ दिन तक युद्ध हुआ था और दशवें दिन रावण मारा गया था

जिसे आज हम विजय दशमी के रूप में मनाते है।यह पर्व हम बुराई पर अच्छाई के लिए मनाते है लेकिन अपने अंदर के कपट, ईर्ष्या और लालच को नही दहन कर पाते है जिससे देश मे भ्रष्टाचार महिषासुर जैसा हो गया है जिसका संहार करना अतिआवश्यक हो गया है।

रिश्वत, भ्रष्टाचार और एक दूसरे को नीचा दिखाने व मुफ्त के माल को हड़पने की प्रवृत्ति मनुष्य की दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है जो उसे दलदल में गिराने का कार्य करती है।लेकिन कहते है न भगवान के घर देर है अंधेर नही,मनुष्य कितना भी लूट खसोट कर धन एकत्रित कर ले मगर उसके द्वारा किया गया कुकर्म उसके बच्चों को भोगना पड़ता है जो सत्य है।

दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन व अस्त्र शस्त्र का किया गया पूजन

महिषासुर का वध कर अपने भक्तों पर असीम कृपा करने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर लोगो ने रावण के पुतले का दहन कर आतिशबाजी कर विजयदशमी मनाया।इसके साथ ही गांवो में छत्तीसगढ़ी नाच की शुरूआत भी हो चुकी है।जहां जहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई थी वहां वहाँ छत्तीसगढ़ी नाच की प्रस्तुति देने के लिए छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से कलाकर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम करने के लिए आते है जिसको पूरा गांव व क्षेत्र रात भर जागरण कर देख कर आनंदित होता है।

विजयदशमी के दिन अस्त्र शस्त्र की पूजा भी की जाती है।देश के जवानों ने अपने अपने शस्त्रों का पूजन किया।बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व पूरे उत्साह से देश मे मनाया गया।